मेरे कामुक मित्रो, मेरा नाम सचिन है और मैं पुणे महाराष्ट्र से हूँ.
मैं 19 साल का लंबे मोटे लौड़े वाला युवक हूँ.
मेरे घर में मैं, मेरी मम्मी शिवानी और मेरी मौसी शालिनी रहती हैं.
मम्मी की उम्र 39 साल है, वो बड़े दूध और उभरी हुई गांड वाली एक मादक महिला हैं.
मेरी मौसी शालिनी की उम्र अभी 33 साल है.
उनके दूध मेरी मम्मी के जैसे बड़े नहीं हैं, मगर मस्त हैं. उनकी गांड बड़ी सी है और वो भरे हुए जिस्म की हैं.
जब हम छोटे थे, मेरी मां का तलाक तभी हो गया था.
गरीब होने के कारण मेरे नाना मौसी की शादी नहीं कर पाए थे.
जब हम पापा के साथ रहते थे, तब मौसी नाना के यहां थीं.
फिर जब से मम्मी का तलाक हुआ, तब से मौसी हमारे साथ रहने लगीं.
मेरा पालन-पोषण मम्मी ने ही किया इसलिए मम्मी को हम बहुत प्यार करते हैं.
मम्मी कंपनी में जॉब करती हैं जिससे हमारा खर्च चलता है.
मौसी घर का सारा काम करती हैं.
मैं पढ़ाई करता हूं.
मौसी मेरे साथ हर तरह के मज़ाक करती हैं.
इस कहानी में माँ सेक्स और मौसी की चुदाई दोनों हैं.
एक दिन की बात है, जब मेरी मम्मी ऑफिस गयी थीं.
सुबह के 11 बज चुके थे.
घर पर सिर्फ मैं और मौसी थे. मौसी घर का काम कर रही थीं.
फिर वो अपने मोबाइल में लग गईं.
मैं भी मोबाइल चला रहा था.
नजर उनके मोबाइल फोन पर पड़ी तो मैंने देखा कि वो अन्तर्वासना पर सेक्स स्टोरी पढ़ रही थीं.
थोड़ी देर में वो उठीं और बाथरूम में घुस गईं.
मैं समझ गया कि मौसी गर्म हो चुकी हैं और अपने आपको शांत करने गई हैं.
इस घटना के बाद से मैं उनकी ओर हवस भरी निगाहों से देखने लगा.
मैंने ठान लिया कि अब मैं मौसी को चोद कर ही रहूंगा लेकिन मुझे डर भी लग रहा था.
अब मैं मौसी को दिन भर घूरता रहता, उनकी हर हरकत पर नज़र रखता.
ऐसे ही 10-12 दिन बीत गए.
एक दिन वो घड़ी आ चुकी थी, जब मौसी की चुदाई का मौका मिल गया.
उस दिन मौसी रोज की तरह अन्तर्वासना स्टोरी पढ़ कर बाथरूम में खुद को शांत करने के लिए गईं और दरवाजा बंद करना भूल गईं.
मेरी नजर दरवाजे पर पड़ी, तो मैंने पाया कि गेट हल्का सा खुला है.
मैंने मन में सोचा कि आज जो भी होगा, देखा जाएगा.
बस मैं झटके से दरवाजा खोल कर अन्दर घुस गया.
मौसी फर्श पर लेटी चूत में उंगली डाली हुई थीं.
लेकिन एक अचरज भरी बात ये हुई कि मौसी मुझे देखकर बिल्कुल भी नहीं चौंकी.
जब तक मैं कुछ सोच पाता, मौसी बोलीं- हरामी देख क्या रहा है, मार मेरी गांड भोसड़ी वाले. मैंने दरवाजा तेरे ही लिए खुला छोड़ा था. चल आ जा, मेरी चूत का भोसड़ा बना दे … बहुत दिनों से लंड नहीं मिला. साले मेरी चुत की आग बुझा दे मेरी.
मैंने लंड सहालते हुए कहा- अब मैं तुम्हारी आग रोज बुझाऊंगा.
मौसी को किस करते हुए मैंने गोद में उठा लिया और बेडरूम में ले आया.
मैंने उसे बेड पर पटक दिया और मैं उनके शरीर को निहारने लगा.
बड़े बड़े मम्मे, उठी गांड, चिकनी जांघें पानी छोड़ती हुई शेव्ड चूत. ये सब देख कर मेरा 7 इंच का लंड तन कर पैंट में खड़ा हो गया.
मौसी रंडी की भाषा में बोली- देखता ही रहेगा या खेल भी दिखाएगा?
मैंने जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार दिए.
मैं पूरा नंगा हो गया और मेरी तोप तनी हुई थी. मैं उन्हें चूमने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगीं.
मौसी के एक दूध को मैं मुँह में लेकर चूसने लगा और उनके निप्पल काटने लगा.
जिससे वो सिहर उठीं और कामुक आवाजें निकालने लगीं ‘आह ऊह उम्म आआह.’
मेरा जोश बढ़ने लगा.
मैं मौसी की चूत चाटने लगा और जीभ घुसेड़ने लगा.
मौसी की कामुक सिसकारियां निकलने लगीं- उम्म अहा आआह मादरचोद … चोद दे मुझे … क्यों तड़पा रहा है भोसड़ी के.
मुझे मज़ा आने लगा.
मैंने मौसी के मुँह में अपना लंड घुसा दिया और वो लंड चूसने लगीं.
जल्द ही हम दोनों 69 की अवस्था में आ गए.
करीब 10 मिनट बाद हम एक दूसरे के मुँह में झड़ गए.
मौसी मेरा लंड झड़ने के बाद भी चूसती रहीं, जिससे मेरा लौड़ा फिर से खड़ा हो गया.
मैंने सीधे होकर मौसी की चूत पर लौड़ा सैट किया और एक जोरदार झटका दे मारा. मेरा आधा लंड अन्दर चला गया.
हुए इस हमले से मौसी चिल्ला उठीं- आह मादरचोद … भोसड़ी के … मार डाला … गांड मार दी मेरी भैन के लंड आह मर गई!
मैंने उनकी चिल्लपौं को नजरअंदाज किया और एक और तेज झटका दे मारा.
इस बार मेरा पूरा लौड़ा चूत में समा गया.
वो तड़फ रही थीं.
मैं धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर करने लगा.
मौसी की आवाज़ें निरंतर निकल रही थीं- उफ्फ्फ आआह उम्मन आआह मार दिया साले हरामी कुत्ता … आह.
मैं चोदता रहा.
थोड़ी देर बाद मौसी को मज़ा आने लगा और हमारी मस्ती भरी चुदाई चलने लगी.
काफी देर ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था.
मैंने मौसी से पूछा- माल कहां निकालूँ?
उन्होंने कहा- अन्दर ही छोड़ दे.
मेरा माल उनकी चूत में भर गया और मैं उनके ऊपर निढाल होकर गिर पड़ा.
अब भी मेरा लंड मौसी की चूत में ही था.
पांच मिनट बाद मेरा लंड उकी चुत में ही फिर से खड़ा होने लगा.
मैंने मौसी से कहा- एक और बार?
उन्होंने हां में सिर हिला दिया.
अब मैंने उनको उठा कर अपने ऊपर बैठा लिया और लौड़े की सवारी कराई.
जैसे ही मौसी मेरे ऊपर कूदतीं, उनके भारी वजन से मेरा पूरा शरीर हिल जाता.
इससे मेरा उत्साह और भी बढ़ जाता.
हमारी चुदाई चलती रही, फिर मैं झड़ गया.
तीन बार झड़ने के बाद मैं काफी थक गया था, तो मौसी से अलग हो गया.
मौसी ने चूत साफ करके अपने कपड़े पहने और हमने एक डीप किस किया.
मैं अपने कमरे में जाकर सो गया. वो अपना काम करने लगीं.
जब मैं सो कर उठा, तब शाम के 5 बज चुके थे.
मौसी किचन में थीं.
तभी मैं किचन में गया और मौसी को पीछे से पकड़ कर उनके दूध दबा दिए.
मौसी बोलीं- बहुत शरारती है, मैं तो डर ही गई थी.
मैंने उन्हें चूमते हुए कहा- अगली सर्विस का मौका कब दोगी?
मौसी बोलीं- जब तू बोलेगा?
मैंने कहा- आज रात में आ जाना!
मैंने मौसी को किस किया और वहां से चला गया.
थोड़ी देर में मम्मी आ गईं.
वो काफी थकी हुई थीं, आकर वो सीधा लेट गईं.
मैंने उनको पानी दिया.
रात को सबने खाना खाया और सोने के लिए जाने लगे.
मम्मी और मौसी एक ही कमरे में सोती थीं. वो दोनों उसी बेड पर सोती थीं, जिसपर मैंने मौसी को चोदा था.
मैं अलग कमरे में सोता था.
मौसी मम्मी से बोलीं- मैं आज सचिन के साथ सो जाती हूं. उसके कमरे में कूलर है.
मम्मी ने मुझसे पूछा- तुझे कोई दिक्कत तो नहीं होगी?
मैंने कहा- नहीं, कोई दिक्कत नहीं.
मेरे मन में लड्डू फूटने लगे कि आज पूरी रात चुदाई होगी.
मम्मी सोने चली गईं.
मैं भी अपने कमरे में चला गया और मौसी के आने का इंतज़ार करने लगा.
थोड़ी देर में मौसी आईं.
उन्होंने कमरे का दरवाज़ा लगा दिया और कूलर चालू कर दिया जिससे चुदाई की आवाज़ें बाहर ना जा पाएं.
मैंने मौसी को पकड़ा और जोर से किस करने लगा.
मौसी भी मुझे चुम्बन करने लगीं.
हम एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे और थोड़ी ही देर में हम दोनों नंगे हो गए.
मैंने मौसी को लिटाया और उनकी चूत को सूंघने लगा.
वाह क्या खुशबू थी. मैं उनकी चूत चाटने लगा.
वो सिहरने लगीं.
फिर मैंने अपना लंड सैट किया और पेल दिया.
एक बार में पूरा लंड अन्दर … मौसी की चीख निकल गयी.
मैं रुक गया कि कहीं बाहर आवाज़ न चली जाए.
फिर मैंने मौसी के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और धक्के लगाने लगा.
अब आवाज बाहर नहीं आ रही थी. कुछ देर बाद मैंने होंठ हटा दिए.
अब मौसी की चुदाई की धीमी धीमी आवाज़ निकल रही थी- आआह आआह … उम्मम अहा उफ्फ … और तेज तेज कर.
इससे मेरा जोश बढ़ने लगा और मैं उन्हें और जोर से चोदने लगा.
करीब आधा घंटा बाद हम दोनों झड़ गए.
इसी तरह से हमने पूरी रात चुदाई की.
उसी रात मैंने मौसी की गांड भी मारी.
सुबह 5 बजे तक चुदाई की, फिर कपड़े पहन कर सो गए.
मैं 9 बजे उठा, तब मौसी काम कर रही थीं.
मम्मी मुझसे बोलीं- इतनी देर तक सोते हो … रात में क्या करते हो?
मैंने उनसे कहा- आप ऑफिस नहीं गईं?
मम्मी बोलीं- संडे को भी जाया जाता है क्या?
मैं कुछ नहीं बोला और नहाने चला गया.
नहाकर आया, तो मैंने मम्मी से पूछा- मौसी कहां हैं?
वो बोलीं- छत पर कपड़े धो रही है.
मैं छत पर गया, तो मौसी सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में कपड़े धो रही थीं.
मैंने कहा- मम्मी तो आज घर पर हैं, हम लोग कैसे करेंगे?
वो बोलीं- मुझे भी समझ नहीं आ रहा है.
मैंने कहा- कोई तरकीब नहीं है?
मौसी- दीदी को भी अपने साथ शामिल कर लो.
मैंने कहा- वो कैसे?
उन्होंने कहा- ये मुझ पर छोड़ दो.
इससे मैं खुश हो गया कि मुझे एक और चूत मिलेगी.
मैं नाश्ता करने चला गया.
कुछ देर बाद मौसी कपड़े धोकर और नहा कर आ गईं और काम करने लगीं.
मैं किचन में गया और मौसी से कहा- मैं एक बात कहूँ?
उन्होंने कहा- हां बेझिझक बोल!
मैंने कहा- मुझे आज ही मां को चोदना है.
मौसी हंस दीं और बोलीं- मां चोदने की इतनी जल्दी?
मैंने कहा- मैं जहां से निकला हूँ, उसमें लंड घुसेड़ना चाहता हूं. आप प्लान बना लो.
मौसी ने कहा- ठीक है, मैं प्लानिंग करती हूँ.
फिर शाम को मैंने अपनी मम्मी को ऊपर से नीचे तक देखा तो मुझे लगा कि इस उम्र में भी मेरी मम्मी काफी सेक्सी हैं.
हम सब लोगों ने खाना खाया और मैं मोबाइल में लग गया.
तभी मेरी नज़र मम्मी और मौसी पर गयी.
वे दोनों पता नहीं क्या बातें कर रही थीं और मेरी तरफ देख कर हंस रही थीं.
मुझे समझ नहीं आया.
फिर मैं फिर अपने कमरे में चला गया और उधर नंगा होकर बैठ गया.
मैं मौसी का इंतजार करने लगा.
थोड़ी देर बाद मौसी आ गईं और मैं उन्होंने बेतहाशा चूमने लगा.
वो भी मेरा साथ देने लगीं.
फिर मैंने उनको बेड पर पटक दिया और दूध चूसने लगा, निप्पल काटने लगा.
मौसी मादक सिसकारियां भरने लगीं.
अब मौसी नीचे बैठीं और लौड़ा हाथ में लेकर चूसने लगीं.
मुझे बहुत मज़ा आने लगा.
थोड़ी देर में मैं मौसी के मुँह में झड़ गया.
मौसी ने पूरा माल गटक लिया और लंड चाटकर साफ कर दिया.
वो लगातार लंड चूसती रहीं जिससे मेरा लंड दोबारा खड़ा हो गया.
मैंने मौसी से बेड पर लेटने को कहा और मौसी की चूत पर लौड़ा सैट कर दिया.
वो भी लेने को तैयार थीं, मैंने एक जोरदार झटका दे मारा, मेरे पूरा लौड़ा मौसी की चूत में समा गया.
मौसी की हल्की सी आआह निकल गयी.
मैं धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा.
मौसी की मादक सिसकारियां निकलने लगीं- आआह उम्ममम्म आआह अहा मांआह.
थोड़ी देर बाद मैं मौसी की चूत में ही झड़ गया और निढाल होकर मौसी के ऊपर गिर गया.
थोड़ी देर बाद मेरा लौड़ा फिर से खड़ा होने लगा.
मैंने मौसी से कहा- मुझे आपकी गांड मारनी है.
मौसी ने हां कर दी और कहा- बाहर से नारियल का तेल ले आ.
मैं तेल लेने चला गया.
और जब लौटा तो मौसी गांड खोल कर उल्टी लेटी हुई थीं.
कमरे की लाइट बंद थी, मुझे हल्का हल्का ही दिख रहा था.
मैंने अपने लौड़े पर तेल लगाया और मौसी की गांड में तेल भर दिया.
लंड सैट करके मैंने एक जोरदार झटका मारा, तो मेरा आधा लौड़ा गांड में घुस गया.
मौसी की चीख नहीं निकली तो मुझे अजीब सा लगा.
मैंने एक और झटका मार कर पूरा लौड़ा घुसा दिया.
फिर मैं धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा.
थोड़ी देर बाद अचानक से बल्ब जला.
मैं घबरा गया और मुड़कर देखा तो मौसी मेरे पीछे खड़ी थीं.
मैंने आगे देखा तो मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं.
मैं अपनी मम्मी की गांड मार रहा था.
मौसी ने कहा- कैसा लगा माँ सेक्स का सरप्राइज?
मम्मी ने भी मुझे एक स्माइल दी और कहा- तू कब बड़ा हो गया, मुझे पता ही नहीं चला. अब अपनी मम्मी को खुश कर दे.
मैं खुश हो गया और धक्के मारने लगा.
थोड़ी ही देर में मैं झड़ गया.
फिर मम्मी उठीं और मुझे किस करने लगीं.
मौसी मेरे लौड़े को चूसने लगीं.
मैंने मौसी को थैंक्स बोला.
फिर मैंने मम्मी की चूत चोदने की इच्छा जताई.
मैं बेड पर लेट गया.
मम्मी मेरे लौड़े पर बैठ गईं और मौसी मेरे मुँह पर.
अब मम्मी और मौसी एक दूसरे के दूध दबाने लगीं और चुदाई शुरू हो गयी.
मम्मी मेरे लौड़े पर उछलने लगीं और मौसी चूत चटवाती हुई सिसकारियां भरने लगीं.
मेरी मम्मी, मौसी के दूध दबाने लगीं.
पूरे कमरे में फचर फचर और आआह उम्म मम्म अहा के साथ गालियों की आवाज़ गूंजने लगी.
मैंने दोनों को बारी बारी से चोदा.
पूरी रात चुदाई करने के बाद सब लोग एक दूसरे के ऊपर नंगे ही सो गए.
हम तीनों सुबह दस बजे जागे तो सब लोग नंगे ही थे.
मैंने अपनी मम्मी को उजाले में अच्छे से देखा, सच में मम्मी बहुत सेक्सी हैं.
आज मम्मी काम पर नहीं गईं.
सुबह से ही हम तीनों ने एक राउंड और चुदाई की, फिर फ्रेश होने लगे.
एक घंटा बाद हमने कुछ खाया और बातें करने लगे.
मैंने मौसी से पूछा- आपने आखरी बार कब सेक्स किया था?
वो बोलीं- पिछले महीने ही.
मैंने कहा- किसके साथ?
उन्होंने बताया- एक अजनबी आदमी से.
फिर मम्मी से पूछा कि आपने कब किया था?
मम्मी ने बताया कि वो तो रोज़ ही करती हैं.
मैं ये सुनकर हैरान हो गया.
मैंने पूछा- किसके साथ?
उन्होंने बताया कि वो अपने मालिक के साथ सेक्स करती हैं. वो उन्हें काम के नहीं, चुदाई के पैसे देता है.
उन्होंने ये भी बताया कि जब ज्यादा पैसे की जरूरत होती है, तो मैं तेरी मौसी को भी ले जाती हूं. हम दोनों बहुत बड़ी चुदैल हैं.
तब मुझे पता चला कि मेरी मां और मौसी दोनों एकदम रंडी हैं.
फिर मौसी ने मुझसे कहा- अब मुझे भी एक बच्चा पैदा करना है, तुझे जल्दी ही बाप बना दूँगी.
मम्मी ने कहा- बेटा इसकी जरूरत तू ही पूरी कर.
अब जब टाइम मिलता, हम लोग चुदाई कर लेते हैं.
मौसी को सबसे ज्यादा मैं चोदता हूँ.
एक महीने बाद पता चला कि मेरी मौसी मेरे बच्चे की मां बनने वाली हैं.
मैं बहुत खुश हुआ.
फिर दिन बीतने के बाद मौसी को लड़का हुआ.
जब मौसी प्रेग्नेंट थी, तब मैंने मम्मी को बहुत चोदा.
ऐसे ही हमारी ज़िंदगी आगे बढ़ने लगी.
अब मैं मम्मी और मौसी के साथ दूसरे शहर में रहने लगा हूँ.
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