मेरा नाम अल्ताफ़ है. मैं नेपाल में अपनी अम्मी और अब्बू के साथ रहता हूँ.
हम घर में सिर्फ तीन जन ही रहते हैं जिसमें अब्बू अक्सर काम की वजह से बाहर ही रहते हैं.
यह अक्टूबर माह की Xxx मॅाम्मी सेक्स कहानी है.
मेरे अब्बू काम की वजह से बाहर गए हुए थे, तो घर में अम्मी और में ही था.
मैं पूरे दिन अपने मोबाइल में पॉर्न देखता रहता था. अम्मी घर के कामों में व्यस्त रहती थीं.
मेरी अम्मी की आगे 38 साल की थी पर वे इतनी हॉट लगती थीं, जैसे 23 साल की करारी लौंडिया हों.
अम्मी के मोटे मोटे दूध ओर मोटी गांड देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता था.
मेरी अम्मी के होंठ इतने रसीले हैं कि मेरा उन्हें चूसने का दिल करता था.
मगर मैं यह सब अम्मी से कहने से डरता था.
एक रात की बात है. अम्मी और मैं खाना खाकर अपने अपने कमरे में चले गए.
मैं जल्दी ही सो गया था.
रात के 2 बजे के आस पास मेरी आंख खुली तो मुझे वॉशरूम जाने की जरूरत महसूस हुई.
मैं चला गया.
उधर वॉशरूम से आने के बाद मैं अपने कमरे में जा ही रहा था कि मुझे अम्मी के कमरे से कुछ आवाज़ सुनाई दी.
यह आवाज हंसने की थी.
पहले तो मैं डर गया कि इतनी रात में यह कौन हंस रहा है.
फिर मैंने अम्मी के कमरे में झांक कर देखा, तो अम्मी फोन पर बात कर रही थीं.
उस वक्त मेरी अम्मी ने नाइट सूट पहना हुआ था.
मैंने खिड़की का पल्ला जरा सा खोल लिया और अम्मी की बातें सुनने लगा.
अम्मी अब्बू से बात कर रही थीं.
अम्मी अब्बू से कह रही थीं- मेरी जान आपके बिना तो जरा भी जी नहीं लगता है. मेरी चूत तो आपके लंड के बिना सूनी हो गयी है.
उन दोनों की बातें चलती रहीं और मैं सुनता रहा.
बीच बीच में अम्मी कभी अपनी चूचियों को मसलतीं, तो कभी अपनी चूत खुजलाने लगतीं.
इस तरह से अम्मी ने अब्बू से काफी देर तक बात की.
फोन रखने के बाद अम्मी अपनी जगह से उठीं और अपनी अलमारी में से एक प्लास्टिक का लंड निकाल लाईं.
वह प्लास्टिक का लंड काफी लंबा और मोटा था.
मैं अम्मी को देख रहा था कि वे इस प्लास्टिक के लंड से क्या करने वाली हैं.
अब अम्मी ने अपना नाइट सूट उतारा और एक तरफ रख दिया. मेरी अम्मी ने नाइट सूट के नीचे कुछ भी नहीं पहना था.
मेरी अम्मी नंगी हो गईं.
फिर उन्होंने ड्रेसिंग टेबल से तेल की शीशी उठाई और तेल को टपका कर उस प्लास्टिक के लंड पर लगाने लगीं.
यह देख कर मेरा भी लंड खड़ा हो गया था कि आज तो प्लास्टिक के लंड से अम्मी अपनी चूत चोदेंगी.
कुछ देर बाद अम्मी ने अपनी चूत पर भी तेल लगाया और वे अपनी दो उंगलियों को अपनी चूत में चलाने लगीं.
फिर वे प्लास्टिक के लंड को धीरे धीरे अपनी चूत पर फेरने लगीं.
वे लंड से अपनी चूत के दाने को रगड़ रही थीं और अपनी पूरी टांगें फैला कर मजा ले रही थीं.
जिस समय अम्मी अपनी चूत को डिल्डो से रगड़ रही थीं, उसी समय वे अपने एक हाथ से अपने दूध भी दबा रही थीं.
उस वक्त मेरी नजर अम्मी के मम्मों पर गई.
उनके दूध बड़े ही मस्त थे और एकदम तने हुए थे.
चूत पर लंड फेरते फेरते से अम्मी ने उसे अपनी चूत के अन्दर घुसेड़ लिया.
जैसे ही अम्मी ने लंड को चूत में डाला, उनके मुँह से एक आह सी निकल गई.
अब वे लंड को अन्दर बाहर करने लगीं और उनके मुँह से ‘आह आई …’ की आवाज़ आने लगी.
अम्मी कुछ ही देर में उस डिल्डो को तेज़ तेज़ अन्दर बाहर करने लगीं.
करीब दस मिनट तक ऐसे ही चलता रहा.
फिर अम्मी का पानी निकल गया तो वे ऐसे ही सो गईं.
मैं भी अपने कमरे में जाकर सो गया.
जब सुबह मैं सोकर उठा तो काफी देर हो गयी थी.
अम्मी किचन में नाश्ता बना रही थीं.
मैंने फ्रेश होकर नाश्ता किया और मोबाइल चलाने लगा.
मेरी नज़र अम्मी पर ही थी कि अम्मी अब क्या करने वाली हैं.
कुछ देर बाद अम्मी ने कहा- बेटा, मैं नहाने जा रही हूँ, तुम कहीं बाहर मत जाना!
मैंने कहा- ओके अम्मी, मैं कहीं नहीं जाऊंगा.
अम्मी के जाते ही मैं बाथरूम के वेंटीलेशन तक अपनी पहुंच बना कर उधर से अम्मी को नहाते हुए देखने लगा.
तब अम्मी ने कपड़े उतारने शुरू किए और वे पूरी नंगी हो गईं.
मैंने सोचा कि अम्मी तो अभी बाहर नहीं आएंगी तो मैं भी नंगा हो गया और अम्मी को नंगी देखते हुए मुठ मारने लगा.
अम्मी का गोरा बदन देख कर मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
मैं तेज तेज हाथ चलाते हुए लौड़े की मुठ मारने लगा.
मुठ मारने में मैं इतना खो गया था कि मुझको याद ही नहीं रहा कि मैं कहां खड़ा हूँ.
अम्मी ने अपनी नजर ऊपर की और मुझको वेंटीलेशन से देखते हुए देख लिया.
उस वक्त मैंने अपनी आंखें बंद कर रखी थीं तो मुझे पता नहीं चल सका.
अम्मी ने बाथरूम का दरवाजा खोला तो देखा कि मेरा 7 इंच का लंड खड़ा था और मैं मुठ मार रहा था.
मुझको देख कर अम्मी ऐसी हो गईं मानो उन्होंने मुझे देखा ही ना हो.
अब अम्मी ने बाथरूम में जाकर उसका दरवाजा बंद करके मुझको आवाज़ लगाई- बेटा अल्ताफ़, टॉवल दे देना जरा!
मैं अम्मी की आवाज सुनकर एकदम से हड़बड़ा गया.
मैंने कहा- आ रहा हूँ अम्मी.
तब मैंने जल्दी से कपड़े पहने और अम्मी को टॉवल पकड़ा दिया.
अम्मी नहाकर बाहर आ गईं और उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा.
उसी रात को बहुत तेज़ बारिश हो रही थी.
हम दोनों ने रात का खाना खाया और अपने अपने कमरे में चले गए.
मैंने अपने कमरे में जाकर अपने सारे कपड़े उतारे और लेट गया.
मैं पूरा नंगा था और मेरा लंड खड़ा था.
थोड़ी देर बाद लाइट चली गयी.
अम्मी मेरे कमरे में आ गईं.
वे अन्दर आकर मेरे पास लेट गईं.
उनके आने से मैं हड़बड़ा गया और कंबल ओढ़ कर सोने की एक्टिंग करने लगा.
अम्मी ने भी मेरा कंबल ओढ़ लिया और वे मेरे साथ लेट गईं.
अम्मी के पैर मेरे पैर से छू गए.
मेरा लंड और खड़क हो गया और एकदम टाइट हो गया.
अम्मी को अहसास हुआ कि मैंने लोवर नहीं पहना है.
तब अम्मी ने हाथ से टटोल कर देखा तो मैं पूरा नंगा लेटा हुआ था.
अम्मी लेटी रहीं.
अब अम्मी को भी जोश चढ़ने लगा क्योंकि उन्होंने काफी समय से लंड नहीं लिया था.
अम्मी ने अपनी सामने से खुलने वाली नाइटी खोल कर चूचियां और चूत नंगी कर ली.
अब मेरी अम्मी भी पूरी नंगी हो गयी थीं, Xxx मॅाम्मी सेक्स के लिए तैयार थी.
उन्होंने धीरे धीरे मेरे पैरों को अपने पैर से रगड़ना शुरू किया और पैर से आगे बढ़ते हुए उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया.
मैं तो सोने की एक्टिंग कर रहा था, इसलिए ऐसे ही लेटा रहा.
मेरी अम्मी अब अपने हाथ से हल्के हल्के से मेरे लंड को सहलाने लगीं.
तो मेरा लंड और टाइट होने लगा.
लंड अब काबू से बाहर हो रहा था और कभी भी फट सकता था.
मेरी अम्मी ने लंड को लोहा बनते महसूस किया, तो वे और तेज़ तेज़ मेरे लंड को मुठियाने लगीं.
अब अम्मी ने कंबल हटाया और अपनी नाइटी पूरी तरह से अपने बदन से हटा दी और वे मेरे लौड़े को अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं.
मेरा लंड अब्बू के लंड से शायद ज्यादा लंबा और मोटा था इसलिए अम्मी को उसे अपने मुँह में पूरा लेने में नहीं आ रहा था.
अम्मी मेरे लंड को चूसती रहीं और जब उन्हें लगा कि अब लंड को चूत में खा लेना चाहिए तो वे एकदम से मेरे लौड़े पर अपनी चूत सैट करके बैठने लगीं और उसे झटके से अपनी चूत में डाल लिया.
एकदम से लंड ने चूत को फाड़ा, तो अम्मी की चीख निकल गयी और साथ में मेरी भी!
अम्मी समझ गईं कि मैं सोने का नाटक कर रहा हूँ.
उन्होंने अब ऐसे ही बार बार किया, तो लंड उनकी चूत में घुसने लगा.
मेरे लौड़े का अभी तक तागा तक नहीं टूटा था तो मुझे दर्द हो रहा था और इसी वजह से मेरी फिर से चीख निकल गयी.
अम्मी ने कुछ देर में मस्त होकर कहा- मुझको पता है कि तू जाग रहा है. अब खुल कर मजा ले ले बेटा!
यह सुनकर मैंने आंखें खोलीं और अम्मी को चोदना शुरू कर दिया.
मैंने अम्मी के दूध चूसते हुए उनको तेज़ तेज़ चोदना चालू कर दिया.
अम्मी वासना में गाली देती हुई कहने लगीं- साले तुझको शर्म नहीं आ रही है कि तू आज अपनी ही मां को चोद रहा है. साले मादरचोद तूने जिस जगह में अपना लंड डाला है ना, भोसड़ी के उसी जगह से तू पैदा हुआ था!
तो मैंने जवाब दिया- अम्मी आज आप शर्म-वर्म को छोड़ो और मेरे लंड का मज़ा लो!
मैंने धक्के मारने तेज़ कर दिए.
अम्मी चिल्लाती रहीं कि आह धीरे धीरे चोद.
पर मैं नहीं रुक रहा था, मैं अपनी अम्मी की चूत पेलता रहा.
जब मैं थक गया तो मैंने अम्मी के रसीले होंठों को चूसा और अम्मी के मम्मों को पिया.
मुझे ऐसा लगा कि अम्मी के मम्मों में से दूध निकल रहा था.
मैंने दूध पिया और उनके दोनों दूध बारी बारी से चाटते चूसते हुए अम्मी की चूत तक आ गया.
मैं अम्मी की चूत को चाटने लगा.
अम्मी की चूत बड़ी रसीली थी … मैं चूत के रस को पीने लगा.
अपनी चूत चटवाने में अम्मी को बड़ा मजा आ रहा था.
वे भी मेरे सर के बाल पकड़ कर मुझे अपनी चूत में दबाने लगीं.
अम्मी गाली देने लगीं- आह चाट ले मादरचोद … आह कितना मजा दे रहा है तू … सच में इतना मजा तो तेरे बाप ने भी कभी नहीं दिया है … आह और चाट आह!
यही सब कहते हुए अम्मी ने मेरा सिर अपने दोनों पैरों में दबा लिया और वे अपनी गांड उठा कर तेज़ तेज़ चूत चटवाने लगीं.
अम्मी की पेशाब निकल गई, मूत की तेज़ धार निकली तो मैंने उसे भी पी लिया.
मैं चूत को लगातार चाटता रहा.
उस दौरान अम्मी की बार बार थोड़ी थोड़ी पेशाब निकल रही थी.
मैं हर बार उनकी पेशाब को पीता रहा.
फिर मैं फ़्रिज़ में से पेस्ट्री निकाल कर लाया और उसको अम्मी की चूत में लगा कर चाटने लगा.
इस तरह से मैं अम्मी की चूत को काफी देर तक चाटता रहा.
आखिरकार अम्मी की चूत से रस निकल गया और मैं उनके नमकीन रस को चाट गया.
अब मैंने अपना लंड अम्मी के मुँह में दे दिया.
अम्मी भी लंड चाटती चूसती रहीं.
मैंने अपने लंड को अम्मी की चूत में फिर से पेल दिया और 20 मिनट के बाद मेरा वीर्य अम्मी की चूत में ही निकल गया.
उस दिन के बाद से अम्मी और मैं रोजाना सेक्स करते हैं.
एक तरह से मैंने अपनी अम्मी से शादी कर ली है.
आपको यह Xxx मॅाम्मी सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज मुझे जरूर बताएं कमेंट्स में!
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