साले की गांड मारी :मेरा नाम मयंक है, और मैं 30 साल का शादी-शुदा मर्द हूं। ये कहानी मेरे और मेरे साले (बीवी की बुआ के लड़के) की गांड मारने की गे सेक्स कहानी है। कैसे मैंने शराब के नशे में बीवी समझ कर साले की गांड मारी, या उसने खुद अपनी गांड मरवाई। क्या और कैसे हुआ, वो पढ़िए।
मेरी शादी को 4 साल पूरे हो चुके हैं। मेरी बीवी का नाम शिल्पा है। शिल्पा मुझे हर तरह से खुश रखती है। मेरा लंड चूसती भी है और गांड में भी ले लेती है। इसलिए मैं रात में एक बार उसकी गांड जरूर मारता हूं।
बीवी के अलावा भी मैंने कुछ दूसरी औरतों और लड़कियों को चोद रखा है। पर कभी किसी लड़के की गांड नहीं मारी थी। मुझे लड़को में कोई इंटरेस्ट भी नहीं था। ये कहानी शुरू होती है मेरे ससुराल से जहां बीवी की कजिन की शादी थी। हम वहां गए हुए थे।
जब शादी का फंक्शन शुरू हुआ तो दामाद होने के नाते मेरी भी पूरी खातिरदारी हुई। मैंने जम कर शराब भी पी। मैं वैसे तो शराब बहुत कम बार पीता हूं, पर जब भी पीता हूं खुल कर पीता हूं।
मेरी आदत है कि मैं अकेला रहना पसंद करता हूं। तो पार्टी करने के बाद मैं अकेला बैठा था। रात के करीब 11 बजे रहे होंगे। मेरी बीवी ने जब देखा कि मैं अकेला बैठा था, तो वो समझ गयी कि मैं अब सोना चाहता था।
शिल्पा ने मुझसे सोने का पूछा। मैंने हां कह दिया। तो उसने अपनी बुआ के लड़के साहिल को मुझे सुलाने के लिए भेज दिया। साहिल 20-21 साल का चिकना लड़का है। शरीर भी पतला है। पर मुझे पता नहीं था कि उसको गांड मरवाने का शौक है।
साहिल ने मुझसे बोला: जीजू। चलों मैं आपको छोड़ कर आता हूं। वहां शोर भी कम होगा। तो आपको अच्छे से नींद आ जायेगी।
साहिल मुझे थोड़ी दूर पड़ोस के एक घर में लेकर गया। ये मेरी बीवी के ताऊ जी का घर था। वहां ऊपर वाले फ्लोर पर एक कमरे में मेरा सोने का इंतजाम था।
साहिल: जीजू! आप यहां सो जाओ। आपका और दीदी का सामान भी यहीं पर रखा है। मैं दीदी को भी यहीं भेज दूंगा सोने।
मैं: ठीक है।
इसके बाद साहिल दरवाजा बंद करके चला गया। फिर मैंने अपने कपड़े उतारे और एक टी-शर्ट और पजामा पहन कर सो गया। मैंने अंडरवियर भी उतार दिया था।
अब पता नहीं ये सिर्फ मेरे साथ ही होता है या सबके साथ। मैं जब भी शराब पीता हूं तो मेरे लंड में बहुत ताकत आ जाती है। लंड रात भर खड़ा ही रहता है। जब बीवी साथ होती है तो उसको रात भर चोदता रहता हूं, जब तक शराब का पूरा नशा नहीं उतर जाता। कई बार तो 1-2 घंटे तक लगातार चोदने के बाद भी पानी नहीं निकलता है। जिन्होंने शराब पीकर सेक्स किया होगा, वो समझ सकते हैं कि मैं क्या कह रहा हूं।
आज अभी बीवी साथ नहीं थी और लंड टाइट रहने वाला था। इसलिए थोड़ा ढीला महसूस हो इसके लिए मैंने अंडरवियर उतार दिया था। अब मैं सोने की कोशिश करने लगा। मुझे नशा और ज़्यादा चढ़ रहा था। मेरा लंड भी टाइट हुए जा रहा था। मैं सोच रहा था कि काश शिल्पा जल्दी से सोने आ जाये। ये सोचते-सोचते शिल्पा तो नहीं आई पर मुझे नींद आ गई।
फिर एक-डेढ़ घंटे बाद मेरी नींद खुली। मैं नशे में ही था। मुझे धुंधला-धुंधला दिख रहा था। लंड एक दम टाइट था। कमरे में चूड़ियों की आवाज आ रही थी। मैंने आंखे खोल कर देखने की कोशिश की, तो मुझे शिल्पा कपड़े बदलती हुई दिखाई थी। वो कुछ लाल रंग का पहन रही थी।
मैंने शराब के नशे में लड़खड़ाती हुई आवाज़ में बोला: डार्लिंग! इतनी लेट आ रही हो। जल्दी आके लंड चूसो।
शिल्पा ने कोई जवाब नहीं दिया। मेरी आँखें ठीक से खुल नहीं रही थी। तभी शिल्पा ने मेरा पजामा नीचे खिसकाया और लंड हाथ में पकड़ कर हिलाने लगी। जब भी मैंने शराब पी रखी होती है तो शिल्पा किसिंग नहीं करती, बाकी सब कुछ कर लेती है। शिल्पा लंड हिला रही थी।
मैंने बोला: बेबी। हिलाओ मत, मुंह में लो जल्दी से।
शिल्पा लंड मुंह में लेकर चूसने लगी। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। आज वो अलग ही तरीके से चूस रही थी। मैं आंखें बंद करके मज़ा ले रहा था। फिर मैंने शिल्पा को लंड पर बैठने को बोला। अक्सर जब भी मैं नशे में होता हूं, तब शिल्पा खुद ही लंड पर बैठ कर चुदती है। मैं उस टाइम धक्के कम ही मार पाता हूं।
शिल्पा मेरे ऊपर आकर लंड पर बैठने लगी। उसने लंड पर थूक लगाया, और उसके ऊपर बैठने लगी। ये शायद उसकी गांड थी। क्योंकि वो जानती थी कि मैं उसकी गांड मारना ज़्यादा पसन्द करता हूं।
आज उसकी गांड कुछ ज़्यादा ही टाइट लग रही थी। उसने पूरा लंड अंदर ले लिया। फिर ऊपर-नीचे होकर चुदने लगी। सेक्स के दौरान मुझे बातें वैसे भी पसन्द नहीं है। तो मैं चुप-चाप उसकी गांड का मज़ा ले रहा था। फिर मैंने वैसे ही लंड पर बैठे-बैठे ही उसको एक साइड लिटा दिया और चोदने लगा। वो खुद भी गांड आगे-पीछे कर रही थी।
फिर ऐसे ही मैंने काफी देर उसको चोदा। कभी लंड पे बिठा कर, तो कभी लिटा कर। काफी देर बाद मैं उसकी गांड में ही झड़ गया। मैं वैसे ही पड़े-पड़े सो गया। मेरा लंड अभी उसकी गांड में ही था। नींद आने के बाद ही उसकी गांड से निकला होगा।
फिर रात को मुझे पेशाब आया। मैं उठ कर पेशाब करने गया तो उस वक्त रात के 3:30 बज रहे थे। अब मेरा नशा भी काफी उतर चुका था। जब मैं पेशाब करके वापिस लौटा, तो मैंने देखा कि बेड पर जो मेरे बगल में सोई थी और जिसको मैंने चोदा था। वो मेरी बीवी शिल्पा नहीं, बल्कि उसका भाई यानी मेरा साला साहिल था।
मुझे याद था कि रात को जब मैं शिल्पा को चोद रहा था तो उसने लाल रंग के कुछ कपड़े पहन रखे थे। पर अब मुझे पता चला कि वो मेरी बीवी थी ही नहीं। मैं उसे समझ कर उसके भाई को चोद रहा था।
साहिल अभी गहरी नींद में सो रहा था। उसने मेरी बीवी की लाल रंग की नाईटी पहनी थी, जो अभी उसकी कमर तक उठी हुई थी। उसने हाथों में चूड़ियां भी पहन रखी थी। उन्हीं की आवाज मुझे रात को सुनाई पड़ी थी। साहिल के होंठों पर लिपस्टिक भी लगी हुई थी, जो अब फीकी पड़ चुकी थी। आखिर उसने मेरा लंड जो चूसा था।
अब मैं समझ गया कि साहिल रात को खुद अपनी मर्ज़ी से मुझसे चुदा था। शायद वो मेरे शराब के नशे में होने का फायदा उठा कर मज़े करना चाहता था, जो कि उसने किया भी। पर चुदाई के बाद उसको नींद आ गई, और अब उसकी सच्चाई मेरे सामने आ गई थी।
अब मैंने उसकी गांड देखी। उसकी गांड देख कर साफ पता लग रहा था कि उसने पहले भी काफी बार गांड मरवाई होगी। तभी उसने रात को आराम से मेरा लंड अपनी गांड में ले लिया था।
ये सब पता लगते ही और रात की घटना याद करते हुए, साथ में उसको इस तरह बेड में रंडी की तरह लेटे हुए देख कर मेरा लंड फिर खड़ा हो गया था। रात को जो हुआ मैं उससे अनजान था, पर अब मैं खुद उसकी गांड का मज़ा लूटना चाहता था।
मैं एक हाथ से उसके चूतड़ और दूसरे से उसकी छाती सहलाने लगा। तब मुझे पता चला कि उसने अंदर ब्रा भी पहनी हुई थी। अब तो मुझे मज़ा आने वाला था। मैं जोर-जोर से उसकी छाती और चूतड़ दबाने लगा। एक-दम से उसकी नींद खुल गई। जब उसने देखा कि मैं खुद उसको प्यार कर रहा था, तो वो चुपचाप मुझे देखता रहा।
मैं: तुम तो बड़े समझदार निकले। अपनी दीदी की गैरहाजिरी में उसकी कमी पूरी करने आ गए।
साहिल: सॉरी जीजू। मैं तो सिर्फ दीदी के कपड़े पहनने आया था। मुझे लगा था आप सोए होंगे। पर आपने तो मुझे दीदी ही समझ लिया।
मैं: तो छमिया बन कर तू ही घूम रहा था कमरे में।
साहिल: मज़ा आया आपको?
मैं: बहुत। अभी तो और मज़ा लेना है तेरा, जब तक यहां हूं।
साहिल: ओके जीजू। जैसी आपकी मर्जी।
मैं: तेरी गांड इतनी ढीली कैसे हुई?
(मैं साथ में उसकी गांड और छाती से खेल भी रहा था)
साहिल: एक दोस्त से मरवाता हूं।
मैं: उसके आगे भी ऐसी ही छमिया बनता है क्या?
साहिल: हमेशा नहीं। कभी-कभी।
मैं: यार तू तो मस्त आईटम है। 5-6 सालियां होने के बाद भी जीजा के काम साला ही आ रहा है।
साहिल: मैं क्या साली से कम हूं? जो मैंने काम मैंने किया वो सालियां नहीं करती।
मैं: अब तो तू साली नहीं बीवी के बराबर है।
अच्छा वैसे तेरी दीदी कहां है। वो क्यों नहीं आई यहां सोने?
साहिल: उन सब बहनों ने साथ सोने का प्लान बनाया था। कह रहे थे कि कभी-कभी ही इक्कठे होते हैं। इसलिए साथ में सोएंगे। इसलिए मैं यहां आ गया। मैंने सोचा था आप शराब के नशे में सोए होंगे, तो मैं दीदी के कपड़े पहनूंगा। पर आपने तो कपड़े पहनते ही मुझे देख लिया और अपने लंड की सेवा में लगा दिया।
मैं: अब तो रोज़ करवाऊंगा तुझसे लंड की सेवा। और अपनी दीदी को बोल देना अब रोज बहनों के साथ ही सोए। मेरी सेवा अब उसका भाई करेगा।
मैं अब साहिल के लिप्स चूसने लगा। एक दम लड़की जैसे सॉफ्ट लिप्स थे। मज़ा आ गया। मैंने काफी देर उसके लिप्स चूसे। फिर उसको लंड चूसने के काम में लगा दिया। वो बिल्कुल अपनी बहन की तरह लंड चूस रहा था। उफ्फ! क्या ही मज़ा आ रहा था मुझे। शिल्पा भी बिल्कुल ऐसे ही लंड चूसती है।
अब मेरा लंड गांड में प्रवेश करने के लिए तैयार हो गया था। मैंने उसको घोड़ी बनाया, और थूक से गांड गीली कर एक झटके में ही पूरा लंड अंदर पेल दिया।
उसने एक संस्कारी बीवी की तरह बिना शोर किये लंड अपनी गांड में ले लिया। उसके मुंह से बस आआहाहा आह ऊहहह की आवाज निकली।
अब मैं उसको जोर-जोर से पेलने लगा। मैंने करीब 40 मिनट अलग-अलग पोजीशन में उसकी गांड मारी और गांड में ही झड़ गया। इसके बाद उसने दोबारा चूस कर मेरा लंड खड़ा किया और मैंने दोबारा आधे घंटे तक उसे चोदा। चुदाई के दौरान पूरे कमरे में किसी औरत की तरह उसकी चूड़ियों की आवाज आ रही थी। चूड़ियों की आवाज से मुझे एहसास ही नहीं हो रहा था कि मैं अपनी बीवी नहीं, बल्कि उसके भाई की गांड मार रहा था।
अब सुबह के 5:30 हो गए थे। शादी का माहौल था तो 6 बजे तक सभी लोगो ने उठ जाना था। इसलिए हम दोनों उठ कर नहाने चले गए। बाथरूम में उसने एक बार मेरा लंड भी चूसा। नहाने के बाद फिर हम दोनों आराम करने लगे। इसके बाद मैं 4 दिन वहां रहा। चारों रात मैंने जम कर उसकी गांड की चुदाई की।
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