दीदी ने नल को ठीक करवाया 

प्रेषक : पूरण …

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम पूरण है, मेरे जीजू बहुत ही शांत किस्म के आदमी है और वो हमेशा अपने काम में लगे रहते और दीदी को संतुष्ट नहीं कर पाते है। अब दूसरी तरफ मेरी दीदी रंग गोरा, उम्र 24 साल, हाईट 5 फुट 1 इंच, गांड-38, कमर-30, बूब्स-36D, बाल कंधो तक और उनका फिगर और उनका कमर लटकाते हुए चलना इतना कातिलाना था कि कोई भी उन्हें नज़र अंदाज़ नहीं कर सकता है, लेकिन दीदी भी कम नहीं थी, वो जानती थी कि भले ही उसके पति उसे ना चोदते हो, लेकिन सोसाइटी के सारे मर्द उस पर नज़र रखते है और उसके साथ सोने के सपने देखते है। जब कोई उन्हें घूरता है या उनसे फ्लर्ट करता है तो उसको अच्छा लगता है और वो सबसे घुलमिल जाती और सबका आकषर्ण पाकर ही खुद को खुश रखती है। अब वो जानबूझ कर अपने क्लीवेज दिखाती और मज़े लेती है, वो एक टीज़र थी। दीदी ने फ्लर्ट करने में तो पड़ोसी से लेकर दूधवाले को भी नहीं छोड़ा था।

दोस्तों बात तब की है जब जीजू के नहाते वक़्त अचानक से नल टूट गया था, तो जीजू ने कहा कि मैंने रवि को फोन कर दिया है, वो आते ही नल ठीक करवा लेना, में ऑफिस जा रहा हूँ। फिर जीजू दीदी को छोड़कर चले गये। रवि एक प्लमबर था, जो दीदी की सोसाइटी के उल्टे तरफ की बस्ती में रहता था। जीजू के उसे फोन करने से वो आकर बाथरूम की कोई भी प्रोब्लम को ठीक कर देता था। वो पहले भी दो बार आ चुका था, लेकिन तब जीजू घर में थे, तो उसने दीदी से बात तक नहीं की थी। फिर अचानक डोर बेल बजी तो दीदी ने जब दरवाज़ा खोला तो बाहर रवि था। अब दीदी नाइटी पहने हुई थी और चुन्नी डाले हुई थी, जब दिन के 12 बज रहे थे। फिर वो मुस्कुराकर अंदर आया और जीजू के बारे में पूछा, तो दीदी ने कहा कि वो रात को 9 बजे आएगे। तो उसने अंदर ही अंदर कुछ सोचा और हल्का सा हंस दिया। फिर दीदी उसे बाथरूम का नल दिखाने लगी। रवि की उम्र 38 साल, हाईट 5 फुट 6 इंच, रंग सांवला, मस्त बॉडी। अब नल के टूटे हुए मुँह पर कपड़ा घुसा हुआ था और नीचे का वाल्व भी बंद था। रवि बहुत ही शैतान किस्म का इंसान था, वो आज दीदी पर पूरी तरह से ट्राई मारने की सोचने लगा था। अब वो जानबूझ कर इधर उधर चैक कर रहा था और अब वो दीदी से बेकार की बातें भी करने लगा था।

रवि – भाभी बाथरूम की तो हालत ही ख़राब है, आप इसमें कैसे नहाती हो?

दीदी – पूछो मत, तुम्हारे भैया को मेरे लिए टाईम नहीं है तो बाथरूम के लिए कहाँ से टाईम होगा, में कब से उन्हें इसे ठीक कराने को कह रही हूँ।

फिर रवि ने देखा कि बाथरूम के हैंगर पर एक लेडीस पेंटी सूख रही है तो उसने झट से पेंटी अपने हाथ में ली और दीदी को देते हुए कहा कि लीजिए भाभी नहीं तो भीग जाएगी और एक स्माइल दी। अब दीदी को शर्म आ गई थी, उसे पहले ही हटा देनी चाहिए थी। अब तक तो दीदी फ्लर्ट नहीं कर रही थी, लेकिन अब वो सोचने लगी थी कि क्यों ना थोड़ी मस्ती की जाए? फिर दीदी अपनी चड्डी रखने के बहाने अपनी चुन्नी भी बेड पर फेंक आई। अब वो एक नाइटी में थी, जिसका गहरा गला था। फिर जब वो बाथरूम में घुसी तो रवि ने पीछे पलटकर देखा तो वो दीदी को देखता ही रह गया। फिर दीदी ने पूछा कि क्या हुआ ठीक तो हो जाएगा ना? अब रवि मन में सोचने लगा था कि ये औरत शायद लंड की प्यासी है वरना अपनी चुन्नी क्यों हटाती? ये तो जैसा सुना था वैसी ही रंडी है, इसका बदन तो पूरा मलाई का बना है आज में इसकी मलाई तो खाकर ही रहूँगा, अब उसके दिमाग़ में प्लान आ रहा था।

रवि – हाँ ठीक तो में कर दूँगा, लेकिन किसी को मेरी मदद करनी होगी, इसका शॉवर भी काम नहीं कर रहा और वाल्व टप के नीचे है और ये नल और शॉवर दोनों को सप्लाई देता है। अब हमें नल से पहले शॉवर ठीक करना होगा, अब जब में वाल्व खोलूँ तो आपको नल के कपड़े को दबाकर पकड़ना है, में शॉवर के वाल्व को ठीक करने के लिए धीरे से खोलता बंद करता रहूँगा, आपको नल के पानी को रोककर रखना होगा।

दीदी – ठीक है।

रवि – तो आप नल को पकड़ो।

फिर दीदी जैसे ही नल के पास गई, तो रवि अचानक से झुका और वाल्व पूरा खोल दिया, तो पानी इतनी ज़ोर से निकला कि दीदी को कमर के नीचे तक भीगा दिया। फिर उसने नल बंद करते हुए कहा कि ये क्या? आपने नल को नहीं पकड़ा।

दीदी – तुमने मौका कब दिया? अब में पूरी भीग गई हूँ।

रवि – कोई बात नहीं भीगना तो था ही, भाभी बाद में कपड़े बदल लेना।

फिर दीदी ने अपना सिर हिलाया और फिर नल के छेद को कपड़े से पकड़ा और कहा कि अब तुम शॉवर ठीक करो। अब दूसरी तरफ रवि पीछे से दीदी के भीगे बदन को घूर रहा था।

अब दीदी की नाइटी दीदी की जांघो पर चिपक गई थी तो रवि एक कुर्सी लेकर उस पर चढ़कर शॉवर पर हथोड़ा मारने लगा और फिर शॉवर ऑन कर दिया। अब ऑन करते ही शॉवर जोरो से पानी फेंकने लगा था। अब दीदी थोड़ी हैरान हुई, लेकिन जब तक बहुत देर हो चुकी थी और अब दीदी का बदन ऊपर से नीचे तक पूरा भीग चुका था। फिर रवि ने नाटक करते हुए दीदी से माफी माँगते हुए शॉवर बंद कर दिया और दीदी के बदन को देखने लगा। अब दीदी की नाइटी ना होने के बराबर थी, अब सफ़ेद नाइटी पारदर्शी होकर दीदी के बदन पर चिपक गई थी। अब उनकी ब्रा-पेंटी सब अपने रंग और आकार रवि को बता रहे थे, अब ये सब देखकर तो रवि का लंड खड़ा हो गया था। अब दीदी को रवि के गंदे इरादो का इशारा मिलने लगा था, वरना एक आदमी इतनी ग़लती करता है और खुद थोड़ा भी नहीं भीगता है। तभी रवि कुर्सी से उतरकर बोलता है कि छोड़ना मत भाभी, में पकड़ लूँ फिर छोड़ना।

फिर दीदी ने सोचा कि हरामी ने वाल्व क्यों बंद नहीं किया? तभी रवि दीदी के बिल्कुल पीछे खड़ा होकर दीदी के दोनों तरफ से हाथ बढ़ाकर नल के टूटे हिस्से पर दबे दीदी के हाथों पर दबाव देने लगा और बोला कि रुकिये, जब में बोलूं तो छोड़कर झुककर मेरे बाजुओं के नीचे से निकल जाना। तभी दीदी को रवि की मजबूत छाती उसकी पीठ पर घिसती हुई महसूस हुई, लेकिन वो हिल नहीं पाई। फिर अगले ही पल में रवि ने हिम्मत दिखाते हुए अपने तने हुए लंड को दीदी के चूतड़ो के बीच में लगा दिया और चिपक गया। अब दीदी को अजीब सा अहसास हुआ और वो थोड़ी आगे आ गई, लेकिन सोचा कि मज़ा आ रहा है तो थोड़ा मजा करने में क्या जाता है? फिर दीदी भी अपनी कमर को पीछे ले जाकर रवि से चिपक गई, तो रवि झूम उठा और गर्म होने लगा। फिर दीदी भी मौका देखकर घिसती हुई झुकी और उसके चंगुल से छूट गई। फिर रवि ने नल फिट किया और बाहर आकर दीदी से कहा कि अब सब ठीक है। अब दीदी बाहर भीगी बैठी थी और बदन पर चुन्नी डालकर बात कर रही थी। अब वो गर्म हो चुकी थी, उसे बहुत दिनों के बाद किसी मर्द ने इस तरह से छुआ था।

दीदी – तो तुम्हारी फीस कितनी हुई?

अब रवि को लगा कि उसका खेल ख़त्म हो गया है, अब वो इस बदन की मलाई को नहीं चख पाएगा और वापस जाकर अपनी बीवी को ही रोज की तरह चोदना पड़ेगा।

रवि – इतने से काम के लिए में आपसे फीस नहीं लूँगा, चलता हूँ।

अब दीदी को भी लगा कि आज उसे फिर से चूत में ऊँगली करके अपनी प्यास बुझानी होगी। अब उन दोनों के बदन चुंबक की तरह आकर्षित हो रहे थे, लेकिन शर्म उन्हें रोक रही थी।

दीदी – रूको फीस तो तुम्हें लेनी ही होगी, में कपड़े बदलकर आती हूँ, तुम बैठो और ये कहकर दीदी कपड़े लेकर बाथरूम में घुसी और दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया।

फिर कुछ देर के बाद अचानक से रवि की नज़र बाथरूम की तरफ गई, तो वो चौंक पड़ा कि ये क्या बाथरूम का दरवाज़ा थोड़ा खुला हुआ है? अब उसकी दिल की धड़कने तेज़ हो गई थी। फिर वो बाथरूम के पास जाकर जैसे ही अंदर झाँका तो उसने देखा कि दीदी अपनी सूखी पेंटी पहने हुई थी और कमर से ऊपर तक नंगी खड़ी अपने भीगे कपड़ो को बाल्टी के पानी में भीगो रही थी। अब वो समझ चुका था कि कोई औरत ग़लती से दरवाज़ा खुला नहीं छोड़ सकती है, जब पराया मर्द घर में हो, तो वो एकदम से अंदर घुस गया तो दीदी ने घूमकर टावल लपेट लिया और कहा कि ये क्या? तुम अंदर क्यों आए?

रवि – चुपकर रंडी, अब नाटक मत कर, में तेरे बदन की आग को बुझाने आ गया हूँ।

अब दीदी को लगा कि उसका नाटक पकड़ा गया है, तो वो चिल्लाने की धमकी देने लगी, लेकिन अब रवि को पूरा भरोसा हो चुका था कि दीदी एक नंबर की ठरकी औरत है। फिर रवि ने अपनी टी-शर्ट उतार दी और अपना हाथ आगे बढ़ाया और दीदी के टावल को खींच दिया। अब दीदी के गोरे बड़े बूब्स बाहर आ गये थे और उन पर हल्के भूरे निप्पल थे। अब रवि दीदी के बदन और फिगर को देखता ही रह गया था। अब दीदी अपने दोनों हाथों से अपने दोनों बूब्स को ढक रही थी, लेकिन वो वहाँ से हिली नहीं थी। फिर रवि धीरे से दीदी के पास गया और दीदी के कंधो को पकड़कर मुँह से मुँह लगाकर चूमने लगा। अब दीदी भी कोई विरोध किए बिना ही अपना हाथ रवि की पीठ पर ले गई और सहलाने लगी। फिर रवि ने कुछ देर तक दीदी के होंठो को चूसने के बाद दीदी को अपनी बाहों में भर लिया और उसके बूब्स को अपने नंगे सीने में दबाने लगा। अब दीदी सस्शह आआहह हहाअ की आवाजें निकाल रही थी। दोस्तों ये कहानी आप चोदन डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

फिर उसने दीदी को अपने से अलग किया और उनके बदन को घूरने लगा। फिर वो थोड़ा सा नीचे झुका और अपना मुँह ले जाकर दीदी के एक मुलायम बूब्स पर रखकर अपनी आँखे बंद की और चूसने लगा। तो दीदी ने अपना सिर पीछे कर लिया और उसके कंधे को पकड़कर पीछे की तरफ झुक गई। फिर रवि ने एक एक करके दीदी की दोनों चूचीयों को चूसा और निप्पल को अपनी जीभ में लेकर खेलता रहा और अपने दूसरे हाथ से उन्हें दबाता रहा। अब दीदी आ आआहह सस्सह हहाअ ऊओ की आवाजे निकाले जा रही थी। फिर रवि दीदी के बूब्स को छोड़कर ऊपर आया और दीदी के होंठो को चूमने लगा और फिर उनकी गर्दन को चूमने लगा और इसके साथ ही अपने एक हाथ को दीदी की चड्डी में डालकर उनकी चूत में उंगली करने लगा। अब दीदी भी सिसकारियाँ भरती और उस अहसास का पूरा मज़ा लेती रही। अब उसे अपने पति की याद आती, लेकिन वो इस पल के मज़े के लिए कुछ भी कर सकती थी। अब उसे स्वर्ग का अहसास हो रहा था और रवि को भी स्वर्ग का अहसास हो रहा था।

फिर रवि ने 15 मिनट तक दीदी के मुँह, बदन और बूब्स से रस पीने के बाद दीदी को दीवार से चिपका दिया और नीचे बैठ गया और अपने दोनों हाथों से उसकी चड्डी खींचकर नीचे कर दी और दीदी ने भी अपने पैर उठाकर उसे निकाल फेंका। अब ऐसा होते ही रवि भी अपना मुँह दीदी की चूत में लगाकर चाटने, चूसने लगा। अब दीदी ने अपने दोनों हाथों को उसके सिर में रखकर अपने घुटनों को दोनों तरफ कर दिया था, जिससे रवि और अच्छे से अपना मुँह घुसाने लगा था। अब दीदी सस्स्स्स आअहह ऊओह सस्सह करती रही और 10 मिनट के बाद दीदी का बदन कांप उठा और वो झड़ गई। फिर वो दीदी के ऊपर आया और दीदी के सिर को पकड़कर नीचे कर दिया। अब दीदी को पता था कि उसे क्या करना है? फिर दीदी ने उसकी पेंट और चड्डी खींचकर निकाली और उसके 7 इंच लम्बे और काले, मोटे लंड को चूसने लगी।

फिर थोड़ी देर के बाद वो दीदी को ऊपर लाया और उसके होंठो को चूमा और उसके बाएं घुटने को पकड़कर अपने दायें हाथ से अपनी कमर तक लाया और अपने लंड को दीदी के चूत में फिट करते हुए एक धक्का मारा तो दीदी कसमसा उठी और रवि ने फिर से अपने लंड को पकड़कर एक धक्का और मारा तो दीदी उईईईई आहहहह आअहह सस्स्सह करने लगी। अब रवि धक्के पे धक्के मारता जा रहा था और दीदी धक्के के साथ अपने हाथों से रवि के कंधो को पकड़कर सिसकियां भरती जा रही थी। फिर उसने दीदी के पैर छोड़े और उन्हें पलटाकर दीवार पकड़ा दी और पीछे से दीदी की चूत में कुत्ते जैसा लंड पेलने लगा। अब दीदी कामुकता के सागर में कूद चुकी थी, अब वो रवि की गुलाम की तरह उसकी हर एक बात मान रही थी। तभी रवि ने शॉवर ऑन कर दिया और दीदी को कमर से पकड़ ऊपर उठा लिया और उसके दोनों पैर अपने चूतड़ो पर लॉक कर दिए। अब दीदी उसकी मजबूत बाहों में झूल रही थी और उसकी गर्दन को पकड़ रखा था। फिर उसने नीचे से अपने लंड को पकड़कर दीदी की चूत में सेट किया और धकेल दिया।

अब इस बार दीदी उसके लंड को बहुत गहराई में महसूस कर रही थी। अब वो जोर-जोर से धक्के मारने लगा था। अब दीदी अग अग सस्सस्सस्स अयाया अया करने लगी थी। अब शॉवर के नीचे दो बदन एक दूसरे को बेहमिसाल खुशी दे रहे थे। फिर रवि ने दीदी के चूतड़ो को वॉश बेसिन पर रखा और दीदी ने जैसे ही अपनी पकड़ ढीली की तो उसने झुककर दीदी की बाई चूची अपने मुँह में भर ली। अब दीदी के बदन में एक सिहरन दौड़ गई और दीदी फिर से झड़ गई, लेकिन रवि उस मक्खन जैसी चूची को अपने मुँह में लेते हुए बेपरवाह चुदाई कर रहा था। फिर उसने दीदी को उठाया और शॉवर के नीचे ज़मीन पर लेटा दिया और अपने लंड को ठीक किया और जोरो से दीदी की चूत को चोदने लगा। अब दीदी ने भी अपने दोनों पैर फैलाए और उसको अपनी तरफ खींचने लगी और साथ में नीचे से धक्के लगाने लगी थी। अब दीदी अया अया सस्स्सह ऊवू ऊहह की आवाजे निकाले जा रही रही थी।

अब वो दोनों एक दूसरे को जकड़े हुए फुल स्पीड में चुदाई कर रहे थे। फिर 15 मिनट के बाद वो दोनों एक साथ हाँफते हुए चिल्लाए आअहह ऊओह में आह आह आह। फिर इसके साथ ही वो दोनों बदन आहिस्ते से एक दूसरे से अलग हुए और वहीं पानी में पड़े रहे। फिर रवि उठा और जीजू के कपड़े पहनकर चला गया ।।

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