जीजू के साथ मस्त साली-2024

मेरा नाम मुक्ता है, आज मैं आपको अपने जीजू के साथ की पहली चुदाई की बात बता रही हूँ. मेरी दीदी की जब शादी हुई तब मैं 18 साल की थी पर 18 साल की उम्र में मेरे वक्ष पके आम की तरह हो गए थे, चूतड़ उभर गए थे और उनकी दरार क़यामत ढाने लगी थी.

मेरे जीजाजी विपुल काफी खूबसूरत और लम्बे तगड़े थे, हमारे यहाँ यह समझा जाता है कि अगर जीजा थोड़ा बहुत अपनी साली के साथ मस्ती कर ले तो उसका बुरा नहीं मानना चाहिए. यही कारण ही है कि कोई भी जीजू सबसे पहले अपनी साली को चोदने की कोशिशों में लगा रहता है. मैं भी यही सोचती थी कि अगर विपुल ने कभी मेरे साथ जबरदस्ती की तो चूचियाँ तो मैं दबवा लूंगी, साथ में चुम्बन वगैरा का भी बुरा नहीं मानूंगी.

विपुल जीजू ने कुछ ऐसा ही मेरे साथ किया, वो जब भी अकेले में मेरे से मिलते तो कभी मेरी बोबे कस कर दबा देते, कभी गांड को सहलाने लगते, हौले-हौले सहलाते, फिर एकदम गांड की दरार में उंगली कर देते. चुम्बन की तो कोई सीमा ही नहीं थी, मेरे होंटों को चूम-चूम कर वो सुजा देते. हालांकि इससे मेरी चूत गीली हो जाती थी और मेरे चूचे तन जाते थे लेकिन मैं इसे जीजा का साली के प्रति प्यार समझ कर टाल देती थी.

लेकिन मुझे पता नहीं था कि मेरे द्वारा दी जाने वाली आज़ादी का जीजू गलत मतलब निकल रहे हैं और वो अब मुझे चोदने की योजना भी बना चुके हैं. जीजू जब भी ससुराल आते तो उनकी जीजी के साथ अलग कमरे में सोने की हसरत पूरी की जाती लेकिन इस बार जब वो आये तो वो हौले से मेरे से बोले- आज रात को कमरे में आ जाना, बात करेंगे.

रात को जीजी, जीजू और मैं कमरे में काफी देर तक बातें करते रहे. बारह बजे के लगभग जीजी बोली- मुझे नींद आ रही है, मैं सो रही हूँ.

जीजू और मैं ताश खेलते रहे, थोड़ी देर में जीजी गहरी नींद में सो गई. तब अचानक जीजू उठे और उन्होंने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और अपने होंठ मेरे होंठों से मिला दिए और उन्हें बेरहमी से चूसने लगे. यही नहीं, जीजू ने अपना एक हाथ मेरी छातियों पर रख दिया और दूसरे हाथ से मेरे चूतड़ों को मसलना शुरू कर दिया. मैं हतप्रभ रह गई कि यह क्या हो रहा है.

जीजू कहने लगे- मेरी जान! कब से इस मौके का इंतजार कर रहा हूँ, आज मैंने तुम्हारी दीदी को नींद की गोलियाँ दे दी हैं और वो सुबह तक नहीं उठेगी.
उनकी बात सुनकर मेरे होश उड़ गए, मैं समझ गई कि आज जीजू अपनी मनमानी करके ही मानेंगे.

इधर जीजू ने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और उन्हें चूसने लगे, उनका एक हाथ मेरे बोबों को मसल ही रहा था और दूसरा हाथ मेरी गांड को सहला रहा था.

मेरी छातियाँ एकदम तन गई थी और मेरी चूत से पानी सा निकल रहा था. असल में मैं चुदाई के बारे में बिल्कुल नहीं जानती थी, मैंने केवल पुरुषों को आपस में गालियाँ देते हुआ सुना था जिसमें वो कहा करते थे- तेरी माँ को चोदूँ! तेरी बहन को चोदूँ! तेरी बीवी की चूत में मेरा लौड़ा!

अब इतनी नासमझ तो मैं भी नहीं थी, यह तो समझ गई थी कि चूत मेरे पास है और लौड़ा जीजू के पास! और अब जो भी कहानी बनेगी वो इनसे ही बनेगी.
जीजू ने मुझसे कहा- अपनी कमीज उतार दे!

मैंने वैसा ही किया. अब मैं जीजू के सामने 32 नम्बर की काली ब्रा में थी. जीजू ने ब्रा का हुक खींचा और मेरे दोनों बोबों को आजाद कर दिया. अब मैं जीजू के सामने अर्धनग्न अवस्था में थी. जीजू तो मेरे दोनों बोबों देख कर मस्त हो गए. उन्होंने दोनों बोबों को अपने मुँह में भर लिया और उन्हें चूसने लगे. मेरे दोनों चुचूक जीजू के मुँह में थे और वो उन्हें धीरे धीरे काट रहे थे. मेरी तो हालत ख़राब हो गई.

इधर जीजू ने मेरी सलवार का नाड़ा खींचा और उसे खोल दिया. मेरी सलवार जमीन पर गिर गई और मैं काली पेंटी में रह गई. जीजू तो जैसे पागल हो गए, उन्होंने काली पेंटी को भी उतार फेंका. अब मैं बिल्कुल नंगी जीजू के सामने खड़ी थी.

जीजू ने मेरी रोंयेदार चूत को देखा तो वो मदहोश हो गए, कहने लगे- मुक्ता रानी! आज तुझे मैं जन्नत की सैर कराऊँगा! आज तेरी चूत का भुरता नहीं बनाया तो मेरा नाम भी विपुल नहीं! आज तुझको पता चलेगा कि तेरी इस चूत से क्या गुल खिलेंगे.
फ़िर जीजू ने मुझसे कहा- रानी, अगर मजा लेने हैं तो थोड़ा बेशर्म तुझे भी बनना होगा, अब तू मेरे कपड़े उतार और मेरा लंड अपने मुँह में ले!

मैंने वैसा ही किया. जीजू का लंड देखा तो मेरे होश उड़ गए, नौ इंच का फनफनाता लंड! मैं तो देखकर ही काँप गई कि यह मेरी इतनी सी चूत में जायेगा कैसे?

मैंने जीजू से कहा- आप इस लंड का जो करने को कहोगे, वो मैं करूँगी लेकिन इसे मेरी चूत में मत घुसाना, नहीं तो वो फट जायेगी.

जीजू के चेहरे पर कुटिल मुस्कान आ गई, वो बोले- ठीक है! मैं भी यह थोड़े ही चाहता हूँ कि मेरी साली को तकलीफ हो! तुझे अगर लौड़ा नहीं घुसवाना है तो मत घुसवा! तू इसे अपने मुँह में ले ले और इसे गन्ने की तरह चूस!

मरती मैं क्या नहीं करती! मैंने जीजू का लौड़ा मुँह में भर लिया और उसे चूसने लगी.
लंड से मेरा पूरा मुँह भर गया था. इधर जीजू का काम चालू था, वो सिसकारियाँ भरते हुए कह रहे थे- चूस! मेरी जान चूस! और एक हाथ से मेरे गालों को मसल रहे थे, दूसरे हाथ से बोबों को!

बोबे तन चुके थे, चुचूक सख्त हो गए थे, गाल लाल हो चुके थे.
अचानक जीजू बोले- अब तू लेट जा!
मैं लेट गई. जीजू ने अपनी जीभ निकाली और मेरी चूत को हौले हौले चाटने लगे. मेरी तो उत्तेजना के मारे ही जान निकल गई, पूरी चूत गीली हो गई. शरीर में तरंगें सी छुटने लगी.

मैं जीजू से बोली- जीजू, मजा आ गया!
जीजू बोले- मजा तो तब आएगा जब तू रंडी की तरह गालियाँ देने लगे!
मैंने कहा- मुझे तो गालियाँ आती नहीं हैं.
तो वो बोले- जो तेरे मन में आये, वो गाली बक!

इधर जीजू चूत के दाने को तलाशने में कामयाब हो गए और वो जीभ से उसे चूसने लगे.
अब तो मैं बेसुध हो गई, मेरे मुँह से अपने आप स्वर निकलने लगे- हाय जीजू! इसे मत चूसो! अरे मादरचोद, मेरी जान निकल रही है! ओ गांडू, ओ भोसड़ी के!

लेकिन जीजू ने एक नहीं सुनी, उन्होंने तो पूरी चूत की एसी चुसाई की कि कई बार ऐसा लगा कि मेरी चूत से पानी ही पानी निकल रहा है.

अब जीजू ने मुझे उल्टा किया और वो मेरी गांड को थपथपाने लगे, फिर उन्होंने अपनी एक अंगुली मेरी गांड के छेद में घुसा दी. मैं दर्द से तड़प उठी लेकिन जीजू नहीं माने. उन्होंने अंगुली को गांड में घुसाना जारी रखा, वो कहने लगे- तेरी गांड तो तेरी बहन से भी ज्यादा मस्त है!

वे बोले- अब तू कुतिया की तरह हो जा! मैं अपना लंड तेरी गांड में डालूँगा!
मैंने कहा- जीजू! यह फट जायेगी!
तो वे बोले- तू ही फ़ैसला कर ले कि चूत में घुसवाएगी या गांड में!
मैंने सोचा- चूत तो बड़ी नाजुक है, गांड मरवा ली जाये, वो ही बेहतर है, मैंने जीजू से कहा- आप तो गांड ही मार लो!

बस फिर क्या था उन्होंने ढेर सारी क्रीम मेरी गांड में लगाई और लंड एक झटके से घुसेड़ दिया. मैं दर्द के मारे जोर से चिल्लाई- मर गई बहनचोद! जल्दी वापस निकाल! ओ भाडू! ओ जीजा! तेरी बहन की गांड में सौ लौड़े घुसें!

लेकिन जीजा ने एक नहीं सुनी, उसने पूरा लौड़ा गांड में पेल दिया और जोर जोर से धक्के लगाने लगा. वो अब पूरी मस्ती में आ गए थे उनका लौड़ा तो गांड में था साथ ही उनके हाथ मेरी गांड को ऊपर से नोचा-खसौटी में लगे थे, वो कहने लगे- रंडी की बहन, आज तेरी ऐसी हालत करूँगा कि जिंदगी में हमेशा अपने जीजा को याद रखेगी!

जीजू 15 मिनट तक मेरी गांड मारते रहे लेकिन उनके धक्के नहीं रुके. मैंने सोचा इससे पहले कि गांड का बाजा बज जाये, मुझे जीजू का लौड़ा चूत में डलवा लेना चाहिए, फटेगी तो फट जायेगी! कम से कम गांड तो सही-सलामत रह जायेगी.

यह सोच कर मैं जीजू से बोली- जीजू, मेरे ऊपर रहम करो! आप मेरी गांड को तो बख्श दो और मेरी फ़ुद्दी ही चोद लो!

जीजू मेरी गांड मारने लगे, मैं बोली- जीजू, रहम करो! आप मेरी गांड को बख्श दो, मेरी फ़ुद्दी चोद लो!
मुझ बावली को क्या पता कि मेरा जीजा तो चाहता ही यह था.

अब विपुल ने मुझे चूतड़ों के बल लेटा दिया और अपना फनफनाता लौड़ा लेकर मेरे ऊपर चढ़ गए और कहने लगे- अब नीविया लगाकर इसको चिकना कर दे. कहीं मैंने ऐसे ही घुसा दिया तो अम्मा अम्मा चिल्लाती रहेगी.
क्या करती, मैंने नीविया जीजू के लौड़े पर अच्छी तरह मल दी.
जीजू ने निशाना साधा और लौड़े को एकदम चूत में पेल दिया.
मैं जोर से चिल्लाई- अरे भोसड़ी के! मर गई! मार डाला बहनचोद! निकाल जल्दी!

लेकिन जीजू ने तो लौड़े को अन्दर पेलना शुरू कर दिया, वो बारबार कहने लगे- चुप हो जा रंडी की औलाद! आज तो मैं तेरी चूत का वो हाल करूँगा कि 5 साल तक तू किसी के लौड़े को ताकेगी भी नहीं!

और यह कहकर उन्होंने जोर जोर से धक्के लगाना शुरू कर दिए, मेरी चूत से फच फच…फच की आवाज आ रही थी, जीजू का लौड़ा चूत को फाड़ने पर उतारू था, जीजू ने अपने मुँह में मेरी चूचियाँ दाब रखी थी जिन्हें वो बीच बीच में काट रहे थे, वो अपने हाथों से मेरे गाल मसल रहे थे.

मैंने जीजू से कहा- तुमने न जाने कितनों की बहनों को चोदा होगा! कभी अपनी बहन चिंकी की भी चुदाई की है या नहीं?
जीजू बोले- तुझे क्या पता कुतिया! मैंने ही सबसे पहले उसकी चूत फाड़ी थी!
मैंने कहा- जीजू, चिंकी की चुदाई का किस्सा बताओ!

जीजू बोले :

यह तब की बात है जब चिंकी और में एक कमरे में ही सोते थे. एक दिन जब मैं कमरे में सोने आया तो मैंने देखा कि चिंकी की फ़्रॉक ऊपर उठी हुई है और उसकी काली पेंटी साफ दिख रही है. मैंने उसकी पेंटी नीचे की तो चिंकी की चूत देखते ही मैं मस्त हो गया, मैंने उसकी चूत पर हाथ फिराना शुरू किया.

क्या मुलायम मस्त गुदगुदी चूत थी मेरी बहन की!

अब मैंने अपनी जीभ चिंकी की चूत की पर ले गया और उसे चाटने लगा. 18 साल की जवान लौण्डिया की चूत का स्वाद! मेरे मुँह में तो पानी आ गया. मैं काफी देर तक चिंकी की चूत चाटता रहा, इधर मेरा लंड अब फनफनाने लगा. बस अब तो लगने लगा कि चिंकी की चूत का स्वाद इसे भी चखा दूँ.

अचानक चिंकी कसमसाने लगी. मैं उठकर खड़ा हो गया. जब वो वापिस सामान्य हो गई तो मैं उसके बोबों की ओर बढ़ा. मैंने उसकी टीशर्ट को ऊँचा किया, उसने काले रंग की ब्रा पहन रखी थी.
अब मेरे सामने दिक्कत यह थी कि इसे उतारूँ कैसे!

मेरे दिमाग में एक विचार आया, मैंने कैंची ली और उसकी ब्रा को काट दिया. अब उसके बोबे बिल्कुल आजाद थे, मौसमी जैसे उसके भरे-पूरे बोबे और उन पर बारीक़ से चुचूक तो कयामत ढा रहे थे.

मैंने धीरे से उसके बोबो को पकड़ा और आहिस्ता से मसलने लगा. थोड़ी देर दबाने के बाद मैंने बोबों को मुँह में भर लिया और उन्हें चाटने-चूसने लगा.

चिंकी की चूत और बोबों ने तो मुझे दीवाना बना दिया. मैं काफी देर तक उसे निहारता रहा. अब मेरा धैर्य भी जवाब देने लगा था. अब मैंने लंड को उसकी चूत में पेलने की सोची. ,मैंने क्रीम निकाल कर अपने लंड पर लगाई, फिर थोडी क्रीम चिंकी की चूत पर लगाई. मैं अपने हाथ से चिंकी की चूत का छेद तलाशने लगा कि इतने में चिंकी चिहुंक कर उठ बैठी.

मैं भी सकपका कर खड़ा हो गया.
चिंकी ने मुझे नंगा खड़ा देखा फिर अपनी और देखा. खुद को नंगी देखकर वो खड़ी हो गई और भाग कर बाथरूम में चली गई.
एक तो खड़े लंड पर दंड, और उस पर चिंकी की क्या प्रतिक्रिया रहेगी इस बात से तो मुझे घबराहट होने लगी.

दस मिनट के बाद चिंकी बाथरूम से बाहर आई और बगैर मुझ से नज़रें मिलाये वो लेट गई. मैंने भी करवट बदली और सोने की कोशिश करने लगा.
पर रात भर मैं अपनी बहन की चुदाई के बारे में ही सोचता रहा कि वो कौन खुशनसीब होगा जिसे मेरी बहन की चूत को फाड़ने का मौका मिलेगा.

मैं और वो सुबह सोकर उठे, मैंने सोचा कि चिंकी मम्मी से मेरी शिकायत करे, उससे अच्छा है कि मैं इससे माफ़ी मांग लूँ.
मैंने नीची नजरे करते हुए रिंकी से कहा- सॉरी! रात को मैं नशे में था इसलिए मैं रिश्तों को भूल गया.
उसने कहा- कोई बात नहीं भैया! मैं आपकी शिकायत नहीं करूँगी.

उस दिन तो बात आई-गई हो गई लेकिन अब मेरी नजरें चिंकी के प्रति बदल गई. जब भी वो मेरे सामने आती, मुझे उसकी चूत और बोबे याद आ जाते. मैं अब इस कोशिश में रहने लगा कि कब मौका मिले और मैं इसकी चुदाई करूँ.

अचानक एक मौका मेरे हाथ लग गया. पापा मम्मी और विशाल दो दिन के लिए नानाजी स मिलने चले गए और घर में चिंकी और मैं अकेले रह गए. मैं चिंकी के सोने से पहले सोने की कोशिश या यह कहें कि सोने का नाटक करने लगा.

चिंकी रसोई का काम करके आई और बेड के दूसरे हिस्से पर आकर लेट गई. उसने मुझे आवाज लगाई- भैया, सो गए क्या?
मैंने कोई जवाब नहीं दिया.
अचानक चिंकी मेरे पास आई और मेरे गाल पर हाथ फिराते हुए बोली- उस दिन का अधूरा काम पूरा नहीं करोगे क्या?
मैं चौंक गया कि यह क्या कह रही है!

चिंकी बोली- आप क्या समझते हो भैया कि आप अपनी बहन की चूत चाटोगे, उसके बोबे मसलोगे और उसे पता भी नहीं चलेगा?
वो आगे बोली- उस दिन तो मैं इसलिए चुप्पी लगा गई कि घर में सब हैं और आपने जोर से मेरी चुदाई कर दी और मैं चिल्लाई तो घर के लोग जाग ना जाएँ!
चिंकी मेरे और करीब आ गई और मेरा लंड अपने हाथ में लेकर बोली- मैं तो उस दिन से इसका स्वाद चखने को बेताब हूँ.

बस फिर क्या था, मैंने मिनटों में उसे नंगा कर दिया और खुद भी नंगा हो गया. हम दोनों एक दूसरे से चिपट गए और चूमने लगे. चिंकी ने भी बराबर मेरा साथ दिया, उसने मेरा लंड ले लिया और चूसने लगी. बीच-बीच में वो बुदबुदा भी रही थी- फाड़ दे अपनी बहन की चूत को! उड़ेल दे अपना सारा वीर्य! और बना दे मुझे अपने बच्चों की माँ!

मैंने कहा- चिंता मत कर मेरी रानी!
मैंने अपने लंड को जैसे ही चिंकी की चूत में डाला, वो चीखने लगी- बाहर निकालो भैया! मेरी जान निकली जा रही है.
मैंने कहा- अब तो यह तेरी चूत का बाजा बजा कर ही निकलेगा!
फिर क्या था, रात भर हम दोनों भाई बहन ने ऐसी जम कर चुदाई की कि चिंकी की चूत का सुबह तक भोसड़ा बन गई.

और अब जीजू विपुल मेरी नई कुँवारी चूत का भौंसड़ा बनाने में जुट गए.

1 thought on “जीजू के साथ मस्त साली-2024”

  1. You’re so awesome! I do not believe I’ve read anything like
    this before. So good to discover somebody with unique thoughts on this
    subject. Seriously.. thanks for starting this up. This website is one thing that’s needed on the web, someone with some originality!

    casino en ligne
    you are in reality a good webmaster. The website loading pace
    is incredible. It sort of feels that you are doing any unique
    trick. Also, The contents are masterpiece.
    you have done a great process on this matter!
    casino en ligne francais
    Wow that was odd. I just wrote an extremely long comment but after I clicked submit my
    comment didn’t appear. Grrrr… well I’m not writing all that over again. Regardless, just wanted to say great blog!

    casino en ligne
    Hi there to every , since I am truly keen of reading this webpage’s post to be updated daily.

    It contains nice material.
    casino en ligne fiable
    Hey there! This post could not be written any better! Reading through this post reminds
    me of my old room mate! He always kept talking about this.
    I will forward this page to him. Pretty sure he will have a good read.
    Thanks for sharing!
    casino en ligne
    It’s very easy to find out any topic on web as compared to textbooks, as I found this article at this web page.

    casino en ligne
    Pretty section of content. I just stumbled upon your site and in accession capital to assert that I get in fact enjoyed account your blog posts.

    Any way I will be subscribing to your augment and even I
    achievement you access consistently fast.
    casino en ligne
    I seriously love your site.. Excellent colors & theme.

    Did you create this site yourself? Please reply back as I’m attempting to create
    my very own blog and would like to know where you got this from or exactly
    what the theme is named. Kudos!
    casino en ligne
    My brother recommended I would possibly like this blog. He used to be entirely right.
    This publish truly made my day. You can not consider simply how a lot time
    I had spent for this info! Thanks!
    casino en ligne
    Hi! I could have sworn I’ve been to your blog before but after looking
    at some of the articles I realized it’s new to me. Anyways, I’m definitely happy I stumbled upon it and
    I’ll be book-marking it and checking back regularly!
    casino en ligne

    Reply

Leave a Comment