हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रेनेश है और कुछ 8-10 महीने पहले की बात है। में एक दिन भिंड से ग्वालियर बस से आ रहा था। बस में बहुत भीड़-भाड़ थी और सीट भी खाली नहीं थी तो में अपना बैग लेकर सबसे पीछे की सीट पर जाकर बैठ गया और वाह री मेरी किस्मत मेरे बगल में ही कोई 30 साल की एक लेडी बैठी हुई थी जो दिखने में कुछ ख़ास नहीं थी, लेकिन भरे पूरे बदन की मालकिन थी और एक नज़र में देखकर लगता भी नहीं था कि उसकी उम्र 30 साल के आस-पास होगी। वो खिड़की के बिल्कुल बगल में बैठी थी और फिर उसके बगल में और फिर मेरी बगल में एक बुजुर्ग औरत और फिर उसके 2-3 नाती पोते बैठे थे और ये देखकर मैंने मन ही मन में सोचा की कुछ बात बन सकती है।
फिर क्या था? बस ने चलना शुरू किया, सर्दियों का टाईम था और बहुत ही ज्यादा ठंड लग रही थी और हाथ पैर काँप रहे थे। अचानक ही एक तेज झटका लगा और मुझे ऐसा एहसास हुआ कि किसी ने मेरा हाथ कसकर पकड़ लिया हो, मैंने चोर नज़र से देखा कि उस औरत ने मेरा हाथ कसकर पकड़ लिया था। मैंने धीरे से बस की भीड़-भाड़ और डर की वजह से अपना हाथ छुड़ा लिया और फिर कुछ देर बाद फिर से झटका लगा और फिर उसने मेरा हाथ पकड़ लिया। इस बार मेरी हिम्मत कुछ बढ़ी, उसने शॉल ओड़ रखी थी और फिर मैंने अपने एक हाथ को उसकी शॉल के अंदर कर लिया, उसके कोमल हाथों का स्पर्श मुझे भी अच्छा लग रहा था और मुझे भी मज़ा आ रहा था। अब तो धीरे-धीरे मेरे लंड देव भी फनफनाने लगे थे।
अभी कुछ आधा घंटा ही निकला था कि एक और झटका लगा और मुझे उसका पेट छूने का अवसर भी प्राप्त हुआ और मैंने हिम्मत करके अपने हाथ को उसके पेट से नहीं हटाकर मैंने उसके पेट पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और मुझे ऐसा महसूस हुआ कि उसे भी अब मज़ा आ रहा था। फिर मैंने हाथों को फेरना चालू रखा, अब में सोच रहा था कि आगे का काम कैसे पूरा होगा? तभी उसने अपनी शॉल को खोला और कुछ ऐसे लपेटा कि में भी उसके साथ ढक गया, अब क्या था? मुझे पता था कि जैसे ही अंधेरा होगा बस की भी लाईट ऑफ हो जायेगी और कुछ ही देर बाद बस के अंदर की भी लाईट ऑफ हो गयी और बस अब अपनी फुल स्पीड में चल रही थी। कुछ ही देर में एक शहर आने वाला था जहां कुछ सवारियां और चढ़ती है और बस पूरी तरह से फुल हो जाती है।
तो तब तक में उसके बूब्स को ऊपर से ही दबाता रहा और पेट से अंदर उसकी साड़ी में हाथ डाल कर उसकी चूत का मुआयना भी किया, उसकी चूत पर बहुत ही बड़े-बड़े बाल थे, ऐसा लग रहा था जैसे कई सालो से साफ नहीं किए हो। फिर उसने भी मेरी पैंट की जिप खोलकर मेरे लंड देव को खूब मस्ती दी। फिर बस थोड़ी देर के लिए रूकी तो में समझ गया कि शहर आ गया है फिर में थोड़ा सा संभलकर बैठ गया और पीछे वाली सीट पर एक और लेडी आकर बैठ गयी तो हमारी दिक्कत कुछ और बड़ गयी। फिर बस ने चलना शुरू किया। इस पूरी यात्रा के दौरान हम दोनों के बीच में किसी भी प्रकार की कोई भी बात-चीत नहीं हुई थी और बस फिर से चल पड़ी और हम दोनों फिर से अपने-अपने काम में लग गये। फिर एक जगह बस ने ज़ोर से जम्प किया तो वो उछलकर मेरे पैरो पर बैठ गयी तो में समझ गया था। फिर क्या था? मैंने भी अपनी पैंट की जीप को खोला और उसने भी अपनी साड़ी को नीचे से उठा दिया, सबसे अच्छा तो यह था कि उसने अन्दर पेंटी नहीं पहनी हुई थी और फिर वो मेरे लंड पर बैठ गयी और धीरे- धीरे अपने वजन को मेरे ऊपर बड़ाने लगी और मेरा लंड तो जैसे इसी तलाश में था और एक चाकू की तरह उस केक को काटता हुआ उसके अंदर घुसने लगा था। दोस्तों ये कहानी आप चोदन डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
फिर मैंने धीरे से उसके मुँह पर हाथ रखा तो उसने मेरी उंगली को काट लिया तो में समझ गया कि वो बिल्कुल गर्म हो चुकी है। अब तो वो हर बस के झटके के साथ और ज़ोर से उछलती और मेरा लंड पूरा उसके अंदर समाता चला जाता। रात होने की वजह से अधिकतर यात्री सो रहे थे या फिर आँखे बंद किए हुए थे, लेकिन मेरे आनंद की कोई सीमा नहीं थी। मुझे तो जैसे स्वर्ग ही मिल गया था। में अपने दोनों हाथों से उसके निप्पल को दबा रहा था और मुझे महसूस भी हो रहा थी कि उसके बूब्स से दूध टपक रहा था, लेकिन मुझ पर तो जैसे कोई नशा सा छा गया था, मुझे तो अब कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था। वो उछल-उछल कर चुद रही थी और में इस अनोखी चुदाई यात्रा का मज़ा ले रहा था, उसके नीचे के बाल जो बहुत ही बड़े थे वो मुझे एक अलग ही सुख प्रदान कर रहे थे। में अपने एक हाथ से उसकी झांटो की लम्बाई नापने की नाकाम कोशिश कर रहा था।
फिर अचानक ही मुझे ऐसा लगा कि उसका जोश कुछ ज़्यादा ही बड़ गया था और उसने अपने उछलने की स्पीड को और बड़ा दिया, उसकी चूत एकदम से गीली हो गयी और मेरा लंड बड़े ही आराम से उसकी चूत को फाड़ रहा था। में तो जैसे सातवें आसमान पर था और उसने झटको को और तेज कर दिया, उसकी चूत से पानी ही पानी निकल रहा था। उसने एकदम से कसकर मेरे कंधो को पकड़ लिया तो में समझ गया कि इसका काम तो हो गया, लेकिन मेरा नहीं हुआ था और उसे भी ये पता था। उसको तो जैसे हर चीज़ का अनुभव था, उसने झट से मेरे गीले लंड को अपनी मुट्ठी में बंद किया और झुककर मेरी मुठ मारने लगी।
फिर उसने मेरे लंड को अपने मुँह में भी ले लिया और मुझे भी लगने लगा कि में भी झड़ने वाला हूँ तो मैंने उसके सिर को ज़ोर से अपने लंड पर दबा दिया तो मेरा लंड उसके गले तक चला गया। अब उसके गले से आवाज़ निकल रही थी और मेरे लंड से वीर्य निकल रहा था, जब उसने मेरा पूरा वीर्य पी लिया तो मैंने अपना दवाब कुछ कम कर दिया। फिर उसने अपनी शॉल से मेरे लंड को साफ किया और लगभग आधे घंटे के बाद वो बस से उतर गयी, लेकिन मुझे ये अनोखी यात्रा ऐसी लगती है जैसे ये कल की बात हो और एक एक लम्हा अच्छी तरह से वीडियो की तरह मेरे दिमाग़ में है ।।
धन्यवाद …

Thanks for a marvelous posting! I quite enjoyed reading it, you could be a
great author. I will remember to bookmark your blog and
definitely will come back in the future. I want to encourage you to ultimately continue your great posts, have a nice afternoon!
meilleur casino en ligne
Awesome website you have here but I was wondering if you
knew of any user discussion forums that cover the same topics discussed here?
I’d really like to be a part of online community where I can get opinions from other experienced individuals that share the same interest.
If you have any suggestions, please let me know.
Bless you!
casino en ligne
Thanks for finally writing about > एक सफ़र में आंटी के साथ मस्ती - Gharelu चुदाई casino en ligne
Greetings! Very helpful advice in this particular post!
It is the little changes that produce the most important changes.
Thanks a lot for sharing!
casino en ligne
This is very interesting, You’re a very skilled blogger.
I have joined your feed and look forward to seeking more of your magnificent post.
Also, I have shared your site in my social networks!
casino en ligne France
My relatives all the time say that I am killing my time
here at net, except I know I am getting knowledge everyday by reading thes good posts.
casino en ligne
Hello there, I discovered your site by means of Google whilst looking
for a comparable topic, your website got here up, it seems great.
I’ve bookmarked it in my google bookmarks.
Hello there, just become alert to your blog via Google, and found
that it is truly informative. I’m going to watch out
for brussels. I’ll appreciate should you proceed this in future.
Many other people will probably be benefited from your writing.
Cheers!
casino en ligne
Heya fantastic blog! Does running a blog like this take
a great deal of work? I’ve absolutely no expertise
in programming however I was hoping to start my own blog in the
near future. Anyways, if you have any suggestions or techniques
for new blog owners please share. I understand this is off
topic but I simply needed to ask. Cheers!
casino en ligne France
Pretty section of content. I just stumbled upon your blog and in accession capital to assert that I acquire
in fact enjoyed account your blog posts. Any way I will be
subscribing to your augment and even I achievement you access consistently
quickly.
casino en ligne France
Hi there to every one, since I am genuinely eager of
reading this website’s post to be updated regularly.
It consists of good information.
casino en ligne France