आधी घरवाली ने बुर की सील खुलवा ली

मैं आपके सामने अपनी एक और सच्ची सेक्स कहानी बताने जा रहा हूँ.

पहले मैं आपको बता दूँ कि यह मेरे जीवन के सबसे अदभुत क्षण थे जो मुझे सदा गुदगुदाते रहते हैं.

मेरी शादी हो चुकी है और मेरी वाइफ सिमरन काफी सेक्सी है.
पर यह Xxx साली फक स्टोरी मेरी छोटी कुंवारी साली की है.

बात अभी कुछ दिन पहले की ही है.
मेरे छोटा भाई का विवाह था और उसकी शादी में मेरी ससुराल से मेरी साली कुछ दिन पहले आ गई थी ताकि वो मेरी बीवी को मदद कर सके.

मैं अपनी साली को लेने बस अड्डे गया था.

नीलू (मेरी साली) ने बस से बाहर आते ही मुझे देख लिया था.
फ़िर मेरी भी नजर उससे मिली और मैं उसके पास पहुंच गया.

मैंने उसके बैग अभी लिए ही थे कि तभी नीलू ने मेरी उंगली को पकड़ लिया.
उसे देख कर मैं मुस्कुरा दिया और हम दोनों एक मीठी मुस्कान बिखेरते हुए आगे बढ़ गए.

मैं उसके साथ पार्किंग में आया और अपनी कार में उसका बैग रख कर हम दोनों बस अड्डे से घर आ गए.

रास्ते में नीलू मुझसे हंस बोल कर बातें करती रही.
उसकी खिलखिलाहट मुझे बड़ा सुकून दे रही थी और मैं बस उसे देख कर अन्दर ही अन्दर एक मीठा अहसास महसूस कर रहा था.

मैं आपको बता दूँ कि नीलू उस टाइम काफ़ी सेक्सी लग रही थी.
उसकी 34 साइज की चूचियां उसके टाइट टॉप में से एकदम तनी हुई दिख रही थीं.

मैंने ध्यान किया कि उसकी गांड भी पहले से बड़ी हो गई थी.
चुस्त जींस पहनी होने के कारण उसकी गांड की दरार का साफ़ पता चल रहा था.

वो बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी.
उसका सांवलापन उसकी छवि में चार चाँद लगा रहा था जिसके कारण वो किसी सेक्सी मॉडल से कम नहीं लग रही थी.
पर मेरे दिमाग में अभी तक उसके लिए कोई गलत ख्याल नहीं आया था.

घर आते ही नीलू सबसे घुल-मिल गई और सबके साथ काम में व्यस्त हो गई.

उसी दिन की बात है. कुछ और मेहमान घर पर आ गए थे, जिसके कारण रात को नीलू को कहीं सोने को नहीं मिला.

मेरी वाइफ बोली- आज हम तीनों साथ में ही सो जाते हैं.
इसी कारण से हम तीनों एक बिस्तर पर ही आ गए थे.

मुझे याद है कि रात को 2 बजे मेरी वाइफ जागी और बाथरूम गई. पर वो मेरे साइड में आकर सो गई, जिसके कारण मैं, नीलू और अपनी वाइफ सिमरन के बीच में हो गया.
उस समय मैं जागा हुआ था, पर तब भी मैं कुछ बोला नहीं.

फिर मैं फ़िर मैं नीलू की ओर घूमा, तो उसकी तनी हुई चूचियां मेरे सामने आ गईं और मैं उसके टॉप की अन्दर से दिखती चूचियों की क्लीवेज को देख कर गर्म होने लगा.
अभी मैं कुछ सोच ही रहा था कि तभी नीलू ने मेरे लंड के पास हाथ रख दिया औऱ मैं तुरंत सिमरन को देखने लगा.

सिमरन गहरी नींद में सो चुकी थी.
मैं कुछ देर रुका और आगे बढ़ने की सोचने लगा.

अब तक मेरे अन्दर भी कामुकता जाग गई थी.
मैंने भी उसकी एक चूची को पकड़ लिया और धीरे धीरे मसलने लगा.
साथ ही मैं उसके चेहरे को देखता गया क्योंकि उसका हाथ अभी भी मेरे लंड पर था.

थोड़ी देर मैं उसकी लंड पर पकड़ सख्त होने लगी तो मैं डर गया और मैंने नीलू की चूची को मसलना छोड़ दिया.

एक पल बाद मुझे फिर से वासना ने घेरा और मैं उसके क़रीब आने लगा.
तभी नीलू जाग गई.
उसकी आंखें खुलते ही मैंने हाथ को तुरंत हटा लिया और सोने का नाटक करने लगा.

नीलू मेरे लंड से हाथ हटा कर मुझे धीमी आवाज में जगाने सी लगी.
मैंने अंजान बनते हुए नीलू से कहा- हूँ … क्या हुआ?

वो बहुत धीमी आवाज में इशारा करती हुई बोली- आप रूम से बाहर आओ.
ये कह कर वो उठ कर बालकनी की तरफ चली गई.

उसके उधर जाते ही मैंने एक बार अपनी बीवी सिमरन की तरफ देखा और मैं भी उठ कर बालकनी की तरफ आ गया.

नीलू और मैं बालकनी में आ गए.
नीलू बोली- मुझे पता है कि आप मेरी चूची को पकड़े हुए थे.

मैं यह सुनते ही डर गया, पर मैं बोला कि मुझे पता नहीं कि ऐसा क्यों हुआ था?
वो बोली- आप मुझे पसंन्द करते हो क्या?

मैंने कहा- नहीं … पागल हो क्या. अगर कुछ हुआ भी होगा, तो गलती से हुआ होगा.
नीलू- आप झूठ बोल रहे हो ना!

मैं- नहीं, गलती से सिमरन को समझ कर दबा दिया होगा.
नीलू- पर आपको पता है ना कि यह गलत हुआ?

मैं- हां पता है नीलू, पर छोड़ो न. वैसे भी तुम मेरी आधी घरवाली हो न … तो इतना तो चलता है यार!
नीलू गुस्सा में बोली- फिर मुझे चोद भी दो न … आखिर इसमें भी हक़ है ना आपका!
मैं- सॉरी नीलू, मेरे कहने का मतलब यह नहीं था.

मगर नीलू रोने लगी.
अब मेरी गांड फट गई.

मैं उसके करीब हुआ और उसको चुप कराने लगा.

नीलू बोली- सॉरी जीजू आपकी गलती नहीं है, मेरी ही किस्मत खराब है.
मुझे समझ में नहीं आया कि किस्मत खराब है का क्या मतलब हुआ?

नीलू आगे कहने लगी कि मेरी एक ही समस्या है कि मैं सांवली हूँ न … तो कोई ब्वॉयफ्रेंड भी नहीं है. जो ब्वॉयफ्रेंड बना भी तो वो बस मेरे साथ बस सेक्स ही करना चाहता था. मुझे कोई प्यार नहीं करता. सब बस मुझे चोदना ही चाहते हैं. मेरे साथ कोई भी ऑनेस्ट नहीं रहना चाहता. इसी कारण से मेरी ऐसी समस्या हो गई है.
ये कह कर वो मुझसे चिपक कर रोने लगी.

मैं उसे सहलाते हुए चुप कराने लगा- अरे इतनी सी बात पर रोते नहीं है नीलू. मैं तेरा ब्वॉयफ्रेंड बनवा देता हूं, जो तुझको पसंद करे … केवल सेक्स करना ही ना चाहे.

नीलू- जीजू, कोई नहीं मानेगा. मैं सांवली जो हूँ!
मैं- चल तो एक काम कर. जब तक तेरा कोई ब्वॉयफ्रेंड न हो, तब तक मैं तेरा ब्वॉयफ्रेंड … बोलो अब कोई प्रॉब्लम है?

नीलू- फिर मेरी कामुकता … अगर मैं बहक गई तो दीदी का क्या होगा?
ये कह कर नीलू हंसने लगी.

मैं- नीलू एक काम करते हैं. अगर ऐसी कोई प्रॉब्लम हैं तो हम दोनों चुदाई छोड़ कर और कुछ भी करेगें. बोलो चलेगा … करोगी?
नीलू मुस्कुराती हुई- ठीक है.

फिर हम लोग सोने आ गए.

पर कुछ देर के बाद ही दोनों एक साथ बोलने को हुए.
मैं चुप हो गया और नीलू बोली- जीजू सुनो न … मुझे कुछ कुछ हो रहा है.
उसने ये कह कर मेरा हाथ पकड़ लिया.

उसके स्पर्श से मुझे भी कुछ होने लगा; मैंने उसको खींच कर अपने गले से लगा लिया.
नीलू भी मेरा साथ देने लगी.

हम दोनों में वासना जागृत होने लगी; आग और भूसा का मिलन जैसा होने लगा.
हमारे होंठ मिल गए.

नीलू ने मेरे लंड को जोर से पकड़ लिया और मैं उसकी चूची को मसलने लगा.

तभी नीलू मुझसे अलग हो गई और पलट कर लम्बी लम्बी सांसें भरती हुई मुझसे सोने को कहने लगी.
जैसे ही मैं पलटा तो देखा कि सिमरन जागने लगी थी.

फिर मैंने सिमरन को अपनी ओर खींचा और उसकी चूचियों को टॉप से निकालने लगा.

जल्द ही मैंने सिमरन की एक चूची को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा.

ऐसा करने से सिमरन पूरी तरह से जाग गई और बोली- क्या कर रहे हो यार … नीलू भी है. उसको पता चल जाएगा कुछ दिन शांत रहो!

मैं रुक गया और मैं सिमरन को चिपका कर सो गया.
यह सब नीलू ने सुन लिया था.

फिर लगभग 4 बजे सुबह नीलू मेरे पास को आई और मुझे हिलाती हुई धीमी आवाज में जगाने लगी- जीजू जीजू!
मैं जाग गया.

नीलू- जीजू बालकनी में आओ.
मैं- ठीक है … आता हूँ.

नीलू बालकनी में आते ही कहने लगी- सॉरी जीजू … वो दीदी जाग गई थी न … इसलिए मैंने आपको हटा दिया. मगर मुझे आपसे कुछ कहना भी है.
मैं- हां बोलो!

नीलू- जीजू. मैंने जब से आपका लंड पकड़ा है, मैं पागल हो गई हूं. आपका लंड काफी बड़ा है. मुझे बस आज इसको चूस लेने दो.
मैं उसकी बात सुनकर हैरान था कि कहां तो ये सेक्स की बात करना नहीं चाहती थी और कहां ये लंड चूसने की बात कर रही है.

तभी उसने अपने टॉप के बटन खोल दिए, जिससे उसकी आधी चूचियां दिखने लगीं.
मैं अभी उसकी चूचियों को ही देख रहा था कि मेरे लंड ने औकात दिखानी शुरू कर दी.

मैंने कहा- एक शर्त है मेरी!
नीलू- मुझे सब मंजूर है, पर प्लीज आप अपने लंड को आज मुझे चूस लेने दो प्लीज़.

मैं- शर्त यही है कि तुम मेरे साथ सेक्स करोगी. वो भी मेरे भाई की सुहागरात वाले दिन … और यह सब कैसे करोगी, वो तुम्हारी प्रॉब्लम है. मेरा लंड देख तेरी कामुकता जगी है, उसी तरह तेरी चूचियों का मैं भी दीवाना हो गया हूँ.
नीलू- अब बोलोगे ही या लंड भी बाहर निकालोगे. मैं सब करूंगी, बस आज ये लंड मुझे दे दो ठाकुर!

वो शोले का डायलॉग बोल कर मेरे लवड़े को पकड़ कर सहलाने लगी.

मैंने भी अपना लोअर नीचे कर दिया और अपना 6 इंच का लंड को बाहर निकाल कर नीलू के सामने हिलाने लगा.

नीलू ने लंड देखते ही उसे जोर से पकड़ लिया और नीचे झुक कर लंड चूसने लगी.
मैं भी वासना में खोने लगा.

नीलू बिल्कुल लॉलीपॉप की तरह मेरे लंड को चूसने लगी थी.
उसकी लंड चुसाई देख कर साफ़ समझ आ रहा था कि लौंडिया खेली खाई है.

वो कभी मेरे लंड के सुपारे को ऊपर करके जीभ से चाटती तो कभी लंड को अन्दर भर कर जोर से काट लेती.

मैं चाह कर भी चिल्ला नहीं पा रहा था क्योंकि सिमरन के जाग जाने का खतरा था.
दूसरी तरफ मुझे लंड चुसवाने में बहुत ही अच्छा भी लग रहा था.

अचानक से नीलू मेरे लंड को हाथ से पकड़ कर जोर जोर से ऊपर नीचे ऊपर नीचे करने लगी.
कुछ ही पल बाद वो ऊपर उठ गई और अपने लोअर को नीचे करके उसने अपनी पैंटी को नीचे कर दी.

मैंने कहा- अभी ये सब करना सम्भव नहीं है.
पर वो कहां कुछ मानने वाली थी; उसके चेहरे पर चुदाई की भूख साफ साफ पता चल रही थी.

नीलू ने मेरी कुछ नहीं सुनी और अपनी चूत मेरे सामने खोल कर चुदाई की मुद्रा में आ गई.
वो बालकनी की रेलिंग पकड़ कर गांड हिलाने लगी थी.

मैंने देखा कि नीलू की चूत क्या मस्त पकौड़ी सी फूली हुई थी.
हां थोड़ी काली थी पर बिल्कुल टाइट थी और टपक रही थी.

मैंने भी लंड को चूत की फांकों में रगड़ा और चूत में पेलने की कोशिश करने लगा.
पर लंड अन्दर नहीं जा पा रहा था.
इससे साफ़ हो गया था कि इसकी चूत सील पैक थी.

मैंने नीलू को बालकनी के पास बनी दीवार के पास किया और उसकी एक टांग उठा कर फिर से लंड को चूत में डालने का कोशिश करने लगा.
नीलू मुझे चूमने लगी थी क्योंकि हम दोनों ही आमने सामने हो गए थे.

होंठ से होंठ मिल गए थे और चूत ने लंड को कब अन्दर ले लिया, कुछ पता ही नहीं चला.

लंड चूत में जाते ही मुझे तरन्नुम आ गई और नीलू तो पागल हो गई थी.
वह आह आह करती हुई बोलने लगी- आंह चोद दे मेरे जीजू प्यारे … और अन्दर पेल दो.
वो धीरे धीरे सिसकारियां भर रही थी.

मेरे धक्के काफी तेज होने लगे थे.
वो लगातार आह्ह … आह्ह … करती हुई मेरे लंड से चुदने लगी.

उसे अपनी चूत में दर्द ज्यादा हो रहा था इसलिए मैं नीलू के होंठों को चूमता जा रहा था ताकि उसकी आवाज किसी को सुनाई न दे.
साथ ही मैं उसकी चूचियों को भी जोर जोर से मसलता जा रहा था.
फिर भी दबी आवाज में उसकी सिसकारियां ‘हअ होअ आह मां …. आह …’ निकल रही थीं.

उसकी गर्म गर्म चूत को चोदने में बहुत मजा रहा था.
अब नीलू भी मुझे अपने अन्दर लेने लगी थी.

नीलू न जाने कितने सालों से सेक्स की भूखी थी, ये साफ साफ पता चल रहा था.

उसको पता भी नहीं था कि उसकी चूत से खून भी निकल रहा है.
मैं भी रुका नहीं और चुदाई जारी रखी; उसकी चूत को पेलता रहा.

काफी देर की चुदाई के बाद अब उसकी चूत पच-पच करने लगी थी मतलब उसकी चूत ने मलाई छोड़ दी थी.

नीलू मुझे अपने नाखूनों से नौंचने लगी थी और मुझे जोर से पकड़ कर मेरे होंठों को काटने लगी थी.

मेरा भी निकलने वाला ही था, मैंने आंखों से उसे इशारा किया तो वो समझ गई और बोली- जीजू मुझे रस पीना है.

मैंने लंड चूत से निकाला और नीलू ने मेरे लंड को मुँह में ले लिया.
अगले ही पल लंड ने अपना रस फेंकना शुरू कर दिया.
नीलू सारा माल चट कर गई.

फिर हम दोनों बाथरूम में गए.
उधर नीलू को पता चला कि उसकी चूत से ब्लड भी निकला था.

मेरा लंड पूरा लाल हो गया था.
यहां तक कि मेरे होंठों से भी खून निकल रहा था जो नीलू के काटने से निकला था.

यह देख कर नीलू मेरे होंठों को जीभ से चाटने लगी और गले लग कर बोली- जीजू, आज मैं बहुत खुश हूं.
वो रोने लगी.

मैं थोड़ा कंफ्यूज़ था कि साली अभी क्यों रो रही है.
पर मुझे लगा अभी उसको शांत करा लेना जरूरी है.

मैंने उसे चुप कराया और लंड साफ करके बाथरूम से बाहर आ गया.

मैं सिमरन के बाजू में लेट कर सोचने लगा कि नीलू में कितनी हवस है.

जब मैं रूम में पहुंचा तो देखा कि सिमरन जागी हुई थी.
वो मुझे देख कर बोली- हो गया सेक्स?

उसके मुँह से यह सुनते ही मेरी हालत खराब हो गई.
तभी नीलू भी आ गई.
मैं एकदम ठंडा पड़ गया था.

दोस्तो, यह सेक्स कहानी तो यहीं समाप्त कर रहा हूँ.
आपके मन में सवाल होंगे कि मेरी वाइफ ऐसा क्यों बोली और नीलू क्यों रो रही थी.
उस सबका जवाब अगली कहानी में लिखूंगा.

1 thought on “आधी घरवाली ने बुर की सील खुलवा ली”

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