दोस्तो, मैं रिया सिंह!
आपने मेरी पिछली कहानी
पापा के दोस्त ने मुझे जमकर चोदा
पढी और पसंद की.
धन्यवाद.
आज मैं अपनी एक सहेली रेनू की कहानी आपके लिए लाई हूँ.
उसी के शब्दों में हॉट ब्राइड Xxx नाईट कहानी का मजा लीजिये.
मेरा नाम रेनू है।
मैं उत्तर प्रदेश के बागपत की रहने वाली हूँ।
मेरी उम्र तेईस साल है, ख़ूबसूरत और एक कसे हुए बद़न की मल्लिका हूँ।
शादी से पहले कई लड़कों चोदने को पीछे पड़े थे.
मेरे बूब्स रस भरे चट्टान की तरह उठी रहते थे बिना ब्रा के!
मेरा फिगर 34-28-26 है.
एक दिन मुझे शादी के लिए लड़का और लड़के के मां-बाप देखने आए.
उस दिन मैंने डीप गले का ब्लाउज और नेट वाली साड़ी पहनी थी.
बलाउज ऐसा था कि मेरी पीठ ज्यादातर पीछे से नंगी थी और आगे से गहरा गले होने की कारण मेरे दोनों बूब्स उबर कर बाहर दिखाई दे रहे थे.
अगर मैं यह कहूं कि उस दिन में गजब की सेक्सी माल लग रही थी तो गलत न होगा.
मुझे देखकर लड़के ने स्माइल दी.
मैंने नजरें झुका कर उसको स्माइल दे दी.
जब मैं उसके पापा के पैर छूने के लिए झुकी तो उसके पापा ने मेरी नंगी पीठ पर हाथ फेरते हुए मुझे उठाते हुए मेरे बूब्स पर हल्के से हाथ फिरा दिया.
फिर लड़के का बाप सामने बैठकर मुझे ताड़ते हुए मुस्कुरा रहा था.
इस तरह हमारी शादी तय हो गई और मैं दुल्हन बनकर अपनी ससुर जीाल पहुंच गई, शादी अपने घर वालों की मर्ज़ी से की।
कहते हैं ना कि यह सच्चाई है कि एक लल्लू को ख़ूबसूरत और ख़ूबसूरत को बद़सूरत जीवन-साथी मिलता है।
मेरा पति बद़सूरत तो नहीं था; पर हाँ … माँ का पिल्ला था।
मेरे ससुर जी फौज में रह चुके थे।
मेरा पति भी फौज में है वह शादी के लिए 7 दिन की छुट्टी पर आया था.
सुहागरात को पहली रात ही मेरा पति शराब के नशे में मेरे खूबसूरत शरीर का हुस्न का जलवा देखकर अपने होश खो बैठा और मुझे नंगी करके मेरे पूरे शरीर को चूम चाट कर मेरे अंदर एक लावा सा भर दिया.
और जैसे ही उसने अपना लन्ड मेरी चूत पर रख धक्का लगाया … उसके लौड़े से ढेर सारा वीर्य निकल गया.
फिर काफी कोशिश करने पर भी उसका लन्ड तैयार नहीं हुआ और वह सो गया.
मैं मायूस होकर मैं भी करवट लेकर लेट गई.
और मेरी कब आंख लग गई, मुझे पता ही नहीं चला.
हॉट ब्राइड Xxx नाईट के बाद अगली सुबह मैंने सबको अपने हाथों से बना नाश्ता खिलाया, सबने मुझे ढेर सारे आशीर्वाद दिए.
मैं बेसब्री से रात का इंतजार कर रही थी कि आज रात तो मेरी सुहागरात अच्छे से मन जाएगी.
लेकिन होनी को कुछ और ही होना था.
शाम को मेरी डेट यानि माहवारी आ गई.
मेरी डेट 3 दिन बहुत दर्द के साथ ज्यादा होती है जिससे मुझे 3 दिन दिन में कई बार पैड बदलने पड़ते हैं.
इस तरह मेरे पति को 2 दिन बाद ही पीना सुहागरात के ही वापस अपनी ड्यूटी पर जाना पड़ा.
और मैं दुल्हन होकर भी बिना सुहागरात मनाये कुंवारी की कुंवारी रह गई.
इस तरह मैं घर के काम में बिजी रहने लगी और सास ससुर जी की सेवा करती.
ससुर जी नहाने से पहले अपने शरीर की तेल से मालिश करते थे.
वे मालिश करते समय सिर्फ अंडरवियर में होते थे जिस कारण उनके लिंग का उभार साफ दिखाई देता था.
उनका लिंग काफी लंबा मोटा दिखता था जो मेरे पति से दुगने आकार का होगा.
उनके चौड़े सीने पर घुंघराले लच्छेदार काले सफेद बालों के गुच्छे होते थे जिनको देखकर मेरे दिल में कुछ कुछ होता था.
मेरे ससुर जी मुझे अक्सर किसी ना किसी बहाने से अपने पास बुलाते रहते थे.
और जब मैं रसोई में नाश्ता या खाना तैयार करती तो वे किसी भी बहाने से आकर कोई सामान उठाने के बहाने मेरे चूतड़ों से सटकर निकलते.
कई बार तो है रसोई में सेल्फ से कटोरियां, गिलास उठाने के बहाने मेरे चूतड़ों के पीछे अपना पूरा लन्ड सटाकर दबा देते.
जिससे मेरे पूरे शरीर में सनसनी सी फैल जाती.
मैं- पापा जी मुझे बोल देते, मैं दे देती आपको गिलास उठाकर!
ससुर जी- अरे मेरे घर की रानी, तुम तो पूरा दिन काम करती हो. कुछ काम मैं भी कर लूं तो हर्ज क्या है!
इस तरह ससुर जी मीठी-मीठी बातें करते हुए मेरे शरीर को टच करते रहते.
ससुर जी बाथरूम का दरवाजा खोलकर अंडरवियर भी उतार कर स्नान करते और मुझे जानबूझकर अपने फौलादी लन्ड के दर्शन कराते.
मैं भी चोरी चोरी से नजरें नीची करके ससुर जी के लन्ड के दर्शन करती और मेरी चूत के रोंगटे खड़े हो जाते.
वाकयी ससुर जी का लन्ड काफी मोटा लंबा था.
उनका लन्ड देखकर मैं सोचती कि काश ऐसा लन्ड मेरे पति का होता तो सुहागरात को ही मेरी सील टूट गई होती.
ऐसा सोच कर मैं एक रात सो रही थी और मीठे सपनों में खोई थी.
अचानक मुझे लगा कि मेरे कम्बल में घुस कर धीरे से आकर लेट कर अपनी एक टांग और एक हाथ मेरे ऊपर रखकर मुझे सहलाने लगा.
मुझे समझते देर नहीं लगी कि ये ससुर जी ही थे और पूरी तरह नंगे थे.
लेकिन मैं चुपचाप सोने का नाटक करके लेटी रही.
ससुर जी ने धीरे-धीरे मेरी नाइटी को किसका कर ऊपर की तरफ मेरे बूब्स की तरफ कर दी.
मैं हमेशा रात को सोते समय शॉर्ट नाइटी पहन कर ही सोती, अंदर नीचे कुछ नहीं पहनती थी.
इस कारण ससुर जी को कुछ ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी.
ससुर जी मेरा एक चुचा मुंह में लेकर चूस रहे थे और दूसरे को दबा रहे थे.
बीच-बीच में वे अपने हाथ से मेरी चूत को भी सहला देते.
ससुर जी के मुंह से शराब की सुगंध आने के कारण धीरे-धीरे में भी मदहोश होती जा रही थी.
मेरे दोनों बूब्स को ससुर जी ने चूस चूस कर और बीच-बीच में मेरे बूब्स के निप्पल को दांतों से काटकर मुझे बेहाल कर दिया.
मैं भी कब तक अपने पर कंट्रोल कर पाती.
मैंने नींद से उठने के बहाने दिखावे के लिए ससुर जी का विरोध करना शुरू किया.
मैं- पापा जी आप? पापा जी, आप क्या कर रहे हो? छोड़ दो मुझे!
ससुर जी- मेरी जान, तुझे जब से देखा है तब से चोदने का दिल कर रहा है,
मैं- नहीं पापा जी, यह गलत है.
ससुर जी- मेरी रानी कोई गलत नहीं मैं तुझे अपने घर की महारानी बनाऊंगा,
मैं- नहीं पापा जी, यह गलत है. किसी को पता चल गया तो बदनामी होगी.
और मैं झूठ मूठ का विरोध करने लगी.
ससुर जी- मेरी जान, तेरे जिस्म में मेरा रात दिन का चैन छीन लिया. मेरी जान कुछ नहीं होगा, सब कुछ घर की चारदीवारी में चलेगा.
और ससुर जी ने मेरे ऊपर आकर मुझे अपने शिकंजे में दबोच लिया.
अब ससुर जी का लंबा मोटा लन्ड मेरी जांघों के बीच में मेरी चूत पर ठोकरें मार रहा था.
ससुर जी ने मेरे दोनों हाथ ऊपर उठाकर अपने एक हाथ से पकड़ लिए और मेरे गुलाबी रस भरे होठों को अपने मुंह में भर लिया.
इस कारण मेरी दबी हुई आवाज ससुर जी के मुंह में जा रही थी.
अब मेरा शरीर धीरे धीरे ढीला बढ़ता चला गया और मैं पूरी तरह से ससुर जी के आगोश में चली गई.
ससुर जी मेरे दोनों बूब्स को दबा दबा कर जोर-जोर से चूस रहे थे और मेरे गुलाबी रस भरे होठों को भी और बीच-बीच में अपने दांतों से काट लेते.
जिस कारण मेरी दर्द भरी लंबी सिसकारी निकल जाती.
मैं- मेरे हाथ छोड़ दो पापा जी!
और ससुर जी ने जैसे ही मेरे दोनों हाथों को छोड़ा, मैंने अपनी बाहों का हार बना कर ससुर जी के गले में पहना दिया.
ससुर जी मुझे अपनी मजबूत बाहों में लेकर बेड पर पलटी लेकर कभी मुझे अपने ऊपर लिटा लेते तो कभी मैं ससुर जी के नीचे आ जाती.
जब मैं ससुर जी के ऊपर आती तो मेरे खुले बाल बादल की तरह ससुर जी के मुंह पर और मेरी मुंह ढक जाते और ससुर जी जमकर मेरे गुलाबी होठों को चूसते.
ससुर जी ने मेरी नाइटी निकालकर ऊपर पंखे पर उछाल दी और वह पंखे पर लटक गई.
और फिर कंबल भी हटा कर एक तरफ गिरा दिया.
ससुर जी ने अचानक से खड़े होकर कमरे की लाइट का स्विच ऑन कर दिया.
पूरा कमरा रोशनी से नहा गया और मैंने शर्म के मारे अपने दोनों हाथों से अपना चेहरा ढक लिया.
तभी ससुर जी ने आकर मेरे दोनों हाथों को हटाकर मेरे गुलाबी रस भरे होठों को फिर से अपने मुंह में भर कर चूसने लगे.
मेरी चूत पानी छोड़ कर गीली हो चुकी थी.
ससुर जी का लन्ड और लंबा मोटा होकर अपने पूरे उफान पर आ चुका था.
मेरी लंबी लंबी सिसकारियां कमरे की दीवारों से टकराकर वापस कमरे में गूंज रही थी.
तभी ससुर जी मेरी दोनों टांगें चौड़ी करके घुटनों से मोड़कर मेरी चूत को अपने मुंह से चूसने लगे चाटने लगे.
मेरी हालत काफी बिगड़ती जा रही थी, पूरे कमरे में मेरी सिसकारियां गूंज रही थी.
ससुर जी अपने मुंह से मेरी चूत को दबाकर चूस रहे थे.
इस दौरान मैं मस्ती में अपने चूतड़ों को ऊपर उछलाने लगी.
और मेरी चूत ने ढेर सारा पानी ससुर जी के मुंह पर छोड़ दिया.
मैं झड़ चुकी थी.
ऐसा असीम आनंद … मैं आनन्द के सागर में हिचकोले ले रही थी.
फिर ससुर जी मेरे चूतड़ों के पास बैठकर अपना लन्ड मेरी चूत पर रगड़ने लगे.
अचानक से ससुर जी ने एक जोर का धक्का लगाया.
लेकिन ससुर जी का लन्ड मेरी चूत पर ठोकर मारकर फिसल गया.
इस तरह ससुर जी ने दो बार और अपने लौड़े को चूत पर लगाकर धक्का मारा.
दोनों बार ससुर जी का लन्ड मेरी चूत से फिसल गया.
ससुर जी- मेरी जान, तेरी चूत बहुत टाइट है!
मैं शर्म के मारे चुप रही और अपने आप को आगे के लिए तैयार कर रही थी क्योंकि ससुर जी का लंबा मोटा लन्ड देखकर मैं दिल ही दिल में घबरा भी रही थी.
फिर ससुर जी ने अपने मुंह से ढेर सारा थूक निकालकर मेरी चूत पर और अपने लौड़े पर लगा दिया.
मैं कुछ समझ पाती … उससे पहले ही ससुर जी ने अपने लौड़े को हाथ में पकड़े पकड़े जोर का धक्का मारा.
ससुर जी का लन्ड मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया.
दर्द के मारे मेरी एक लंबी जोर से चीख निकल गई- ऊईई ईईई मां … मर गई … ऊईई ईईई ममममाह हहहह … मरररर गई!
ससुर जी ने तभी दूसरा जोर से धक्का मारा … मेरी चूत की सील टूटने की फचाक की आवाज आई.
आधे से ज्यादा लन्ड मेरी चूत में फंस गया.
मैं सर को इधर उधर पटक रही थी और मेरी आंखों में दर्द के मारे आंसू आ गए.
मैंने बेड के सामने ड्रेसिंग टेबल के शीशे में देखा तो मेरी चूत से खून की धार निकल रही थी.
ससुर जी का मूसल जैसा लन्ड मेरी चूत में बुरी तरह से घुसा हुआ था.
मेरी चूत की सील टूट चुकी थी, मेरी हालत बहुत खराब थी.
तभी ससुर जी ने पूरी ताकत से तीसरा धक्का मारकर मेरी चूत में अपना लन्ड पूरा जड़ तक पहुंचा दिया.
तीसरे धक्के में ससुर जी का लन्ड मेरी बच्चेदानी में घुसा.
और मेरी दर्द के मारे चीखें सिसकारियां कमरे में गूंज रही थी- आहह हह णा … छोड़ो … सश्स सस मम्म्ह … सीईई ईईईई … ऊईई ईई … नहह!
अब ससुर जी ने ताबड़तोड़ धक्के लगा लगा कर अपना लन्ड मेरी चूत में पैलना शुरू कर दिया.
ससुर जी की जांघें मेरी जांघों से टकराकर फच फच … फट फट की जोर जोर की आवाज कर रही थी.
मेरी नाजुक कुंवारी चूत को ससुर जी के लन्ड ने बुरी तरह से तहस-नहस कर दिया.
तभी ससुर जी ने मेरी दोनों टांगे उठाकर अपने कंधों पर रख ली और जोर जोर से धक्के लगा कर मुझे चोदने लगे.
मैं ससुर जी के हर धक्के पर उछल रही थी- आह हहह सीईई ईईई उह हह मम्म … सीईई ईई … ऊई ईईईई … नह हहह … हम्म्म्ह ममम मम्मी … ऊई ईईईई मम्मी मम्मी ईई … नह!
तभी मेरा शरीर अकड़ने लगा और मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया.
मैं झड़ गई.
अब मैंने मस्ती में अपनी बाहों का हार बना कर ससुर जी के गले में पहना दिया और उनके होठों पर एक चुंबन जड़ दिया.
ससुर जी ताबड़तोड़ मेरी चुदाई कर रहे थे.
पूरे कमरे में जोर-जोर से मेरी सिसकारियां और जांघों से टकराने की आवाजें गूंज रही थी.
ससुर जी अपना पूरा लन्ड खींच खींच कर मेरी चूत में जड़ तक पेल रहे थे.
कुछ देर बाद ही मेरा शरीर फिर से अकड़ने लगा और मैंने अपने ससुर जी को जोर से अपनी बाहों में भींच लिया और अपने चूतड़ उछालने लगी.
तभी मैं दूसरी बार झड़ गई और साथ साथ में ससुर जी भी जोर-जोर से आहाह करते हुए मेरी चूत में मेरे साथ ही झड़ कर अपना ढेर सारा वीर्य मेरी चूत में उड़लने लगे.
मैंने अपने नाखून ससुर जी की पीठ में गड़ा दिए और ससुर जी ने अपने वीर्य से मेरी चूत लबालब भर दिया.
प्रिय पाठको, इस हॉट ब्राइड Xxx नाईट कहानी पर अपने विचार मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं.
आपकी रिया
में आपने पढ़ा कि मैं अपनी कुंवारी चूत अपनी सुहागरात के अरमान संजोये लेकर अपने पति के घर आयी.
पर पहली रात में ही मेरा पति दरवाजे पर ही गिर गया, दरवाजा पार भी नहीं कर पाया.
उसके बाद वह ड्यूटी पर चला गया और पति के पीछे मैं सेक्स के लिए तड़पने लगी.
उधर मेरे ससुर काफी हृष्ट पुष्ट थे और वे अपनी वासना भरी नजर मेरी जवानी पर गड़ाये हुए थे.
मैं भी उनकी गर्म नज़रों से गर्म हो जाती थी.
आखिर एक रात मेरे ससुर मेरे बिस्तर पर आये और मुझे गर्म करके मेरी चूत में लंड पेल कर मेरी सील तोड़ दी.
काफी देर तक ससुर जी अपना लन्ड मेरी चूत में डाले हुए मेरे ऊपर लेटे रहे.
अभी भी ससुर जी का लन्ड मेरी चूत में फंसा हुआ था.
काफी देर बाद ससुर जी ने अपना लन्ड खींचकर निकाला तो मेरी चूत में से खून और ससुर जी का वीर्य बहने लगा और चादर पर गिरने लगा.
ससुर जी का लन्ड भी मेरी चूत के खून और पानी से चमक रहा था.
ससुर जी- रेनू मेरी जान, तू तो अभी तक कुंवारी थी. क्या सुहागरात को कुछ नहीं हुआ?
मैंने धीरे से गर्दन ना में हिला दी.
ससुर जी- रेनू मेरी जान, मुझे बता!
और उन्होंने मुझे अपनी बाहों में ले लिया.
मैं- सुहागरात को पापा जी, उनसे कुछ नहीं हुआ. और अगले दिन मेरी डेट आ गई.
ससुर जी- रेनू, लगता है तेरी सील तोड़ना मेरी किस्मत में था. आज तुमने जो मुझे अपने हुस्न का रसपान कराया, ऐसा मैंने अपनी जिंदगी में कभी नहीं किया.
मैं- पापा जी आपने ही मेरी सील तोड़ कर असली सुहागरात मेरे साथ मनाई और मुझे औरत होने का अहसास कराया.
ससुर जी- रेनू, तेरे जैसा शरीर और बूब्स और तेरी रसभरी चूत और गुलाबी रस भरे होंठ मैंने कभी नहीं देखे.
मैं- अब तो पापा जी आप ही मेरे पति हो. क्योंकि आपने ही मेरी सील तोड़ी. मेरा अरमान था कि मैं अपनी सील पैक चूत अपने पति को ही अर्पण करूंगी.
आगे मैं बोली- आपने जो मुझे सुहागरात का आनंद देकर मुझे भरपूर औरत बनाया इसलिए आप मेरे मन मंदिर में पति की तरह हमेशा रहोगे.
ससुर जी- मैं हमेशा जिंदगी भर तेरा गुलाम रहूंगा मेरी जान!
मैं बाथरूम जाने के लिए उठने लगी तो दर्द के बारे में से उठा नहीं गया.
फिर ससुर जी ने मुझे अपनी गोद में उठाकर बाथरूम में सुसु करा कर और मेरी चूत को और अपने लौड़े को धोकर मुझे अपनी गोद में वापस लाकर बेड पर लिटा दिया.
ससुर जी ने फिर मुझे अपनी बाहों में लेकर मेरे होठों को और मेरे बूब्स के निप्पल को चूसना शुरू कर दिया.
और जल्दी ही ससुर जी का लन्ड फिर से अपने पूरे उफान पर आ गया.
ससुर जी फिर मेरे ऊपर चढ़कर मेरी चुदाई करने लगे.
Xxx बहू ससुर सेक्स में इस बार भी मैं दो बार झड़ चुकी थी और ससुर जी एक बार!
फिर से ससुर जी ने अपना गाढ़ा गाढ़ा ढेर सारा वीर्य लबालब मेरी चूत में भर दिया.
ससुर जी ने उस रात मुझे तीन बार ताबड़तोड़ जमकर चोदा.
सुबह 4:00 बजे मैं और ससुर जी नंगे ही एक दूसरे की बाहों में सो गए.
सुबह 7:00 बजे अलार्म से मेरी आंख खुली.
तो मैंने देखा ससुर जी सो रहे थे.
मैं अपनी निगाहों से टकटकी लगाकर उनको निहारने लगी और ससुर जी पर मेरा प्यार उमड़ने लगा.
मैंने अपने खुले बालों का बादल बनाकर ससुर जी के चेहरे पर ढक कर उनके होठों पर एक लंबा चुंबन ले लिया.
तभी ससुर जी की आंख खुल गई और उन्होंने मुझे अपनी बाहों में भींच कर अपने ऊपर खींच लिया.
मैं- सुनो जी, सुबह हो गई. अब आप अपने कमरे में चले जाओ. और हाँ, मेरी नाइटी पंखे से उतार कर दे दो. और आप रात को नंगे ही चले आये थे. मम्मी को मालूम चल गया तो आफत आ जाएगी.
ससुर जी ने मेरे होठों पर चुंबन लेकर कहा- तुम अपनी सास की चिंता मत करो.
उनके जाने के बाद मैं लड़खड़ा के ड्रेसिंग टेबल के सामने शीशे में अपने आप को देखा.
तो मेरे पूरे शरीर पर निशान पड़े थे.
ससुर जी ने मेरे दोनों बूब्स, गालों, पेट, गर्दन पर दांतों से काटने चूसने के निशान डाल दिये थे.
और मेरे पूरे शरीर पर ससुर जी के छाती के सफेद काले बाल चिपके हुए थे जिनको देखकर मैं शरमा कर पानी पानी हो रही थी.
मैं नाइटी पहन कर टांगे चौड़ी कर लड़खड़ा कर रसोई में नाश्ता बनाने के लिए चली तो मेरी सास और ससुर जी मेरी चाल, मेरी हालत देख कर मन्द मन्द मुस्कुरा रहे थे.
सास रसोई में आकर प्यार से मुझे गाल पर किस करते हुए बोली- मेरी लाडो, तेरी तबीयत ठीक नहीं है. ला मैं बनाती हूँ आज नाश्ता!
मैं- मम्मी जी … वो मैं फिसल गई थी इसलिए चलने में दिक्कत हो रही है. आप रहने दो, मैं बना लूंगी नाश्ता!
सास- मैं बनाती हूँ. तू गर्म गर्म पानी में फिटकरी और नमक डालकर अच्छी तरह से नहा ले, आराम आ जाएगा.
Xxx बहू ससुर सेक्स के बाद मुझे ऐसे नहाने से काफी आराम मिला.
अब ससुर जी पति की तरह मेरे बेडरूम में मुझे चोदने लगे और अपनी बाहों में भर कर सोते.
एक महीने बाद मेरी डेट नहीं आई.
ससुर जी का बीज मेरे गर्भ में पनपने लगा.
मैंने ससुर जी को बताया- सुनो जी, मैं आपके बच्चे की मां बनने वाली हूं.
सुन कर ससुर जी ने मुझे अपनी बाहों में भर कर मेरे मुंह को चूम लिया.
ससुर जी ने सास को भी बताया तो दोनों खुश हो कर मुझे प्यार से पुचकारने लगे.
उस रात ससुर जी ने मुझे काफी सावधानी से चोदा जिससे बच्चे को नुकसान ना हो.
चुदाई के बाद मैं ससुर जी से बोली- सुनो जी, पहली रात को आपके बेटे से कुछ नहीं हुआ था. यह आपके बेटे को मालूम है. फिर वे डयूटी पर चले गए थे. अगर मैं आपके बच्चे को जन्म दूँगी तो आपके बेटे को मालूम चल जाएगा. मैं बदनाम हो गई तो कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहूँगी.
ससुर जी- तुम कह तो ठीक रही हो. मेरे बच्चे की मां तो फिर बन जाओगी.
मैं- अब तो मैं आपकी हूं आप जब चाहे मुझे अपने बच्चे की मां बना देना, मैं मना नहीं करूंगी. अब मेरे शरीर पर आपके बेटे से ज्यादा आपका हक है.
ससुर जी- मेरी रेनू जान, आज मैं तुम्हें बहुत बड़ा अधिकार देना चाहता हूं. मेरे ऊपर भी तुम्हारा एक पत्नी की तरह अधिकार होगा.
फिर ससुर जी ने मेरे ड्रेसिंग टेबल से सिंदूर निकालकर मेरी मांग में भर दिया.
मैंने भी एक पत्नी की तरह ससुर जी के पैर छूकर अपनी मांग को छुआ- आज से आप मेरे पति हो और मैं आपकी पत्नी मेरे पूरे शरीर पर आपका अधिकार पहले है. रिश्तेदारों और समाज के सामने आप मेरे ससुर जी हो लेकिन अकेले में रात को आप मेरे पति हो!
ससुर जी- रेनू, क्या तुम एक वादा मुझसे और करोगी?
मैं- हुक्म करो मेरे सरताज, आपने ही मेरी चूत की सील तोड़ कर मुझे संपूर्ण औरत बनाया, आप जो बोलोगे मैं वह सब करूंगी, एक पत्नी की तरह आपका हर आदेश मानूंगी!
ससुर जी- अब तुम मेरे लिए हर साल करवा चौथ का व्रत रखना!
यह बोलकर ससुर जी ने मुझे अपनी बाहों में भर कर मेरे गुलाबी रस भरे होठों पर एक लंबा चुंबन लिया.
मैं- आज से मैं आपके लिए करवा चौथ का व्रत जरूर रखूंगी!
यह वादा करके मैंने भी ससुर जी के होठों से अपने गुलाबी होंठ भिड़ा दिए.
ससुर जी ने मेरी सास को भी समझाया.
मेरी सास ने गोली लाकर मुझे दी जिससे बच्चा गिर गया.
अब ससुर जी मुझे चोदते समय कंडोम लगाते या फिर अपना वीर्य मेरे होठों पर या मेरे दोनों बूब्स पर निकालते.
3 महीने बाद पति छुट्टी पर आया तो पहली रात को तो उनका जल्दी निकल गया.
लेकिन मैंने पति को सहारा देकर उनका लन्ड मेरी चूत में लिया.
अब वे मुझे ठीक से चोदने लगे थे.
तब मैंने जमकर पति के लन्ड से चुदाई करवाई और प्रेगनेंट हो गयी.
पति के जाने के बाद ससुर जी फिर मेरे पति की तरह मुझे चोदने लगे.
चोद चोद कर उन्होंने मेरे दोनों बूब्स का साइज़ काफी बढ़ा दिया
और मेरे चूतड़ भी बढ़ कर उभार ले चुके थे.
फिर मैंने एक लड़की को जन्म दिया जो कि मेरे पति की चुदाई से मिली थी.
जब पति घर पर छुट्टी पर आते तो मैं पति के साथ पत्नी की तरह अपना फर्ज निभाती.
और जब पति अपनी ड्यूटी पर चले जाते तो ससुर जी के साथ बीवी की तरह अपना फर्ज निभाती.
मेरे ससुर जी रात दिन ताबड़तोड़ मेरी चुदाई करते.
मैं भी ससुर जी के साथ बीवी के तरह खुल गई थी और उनके लंबे मोटे लौड़े से बीवी की तरह चुदने लगी.
ससुर जी रात को मेरे साथ ही मेरे बेडरूम पर मुझे नंगी करके अपनी बाहों में लेकर सोते और रात दिन मेरी जमकर चुदाई करते.
ससुर जी ने ही जैसे मेरी कुंवारी चूत की सील तोड़ कर मेरी चूत का उद्घाटन किया, उसी तरह ससुर जी ने ही मेरी गांड का भी उद्घाटन किया.
मेरी कुंवारी गांड के छल्लेदार छेद को भी ससुर जी ने ही चोद चोद कर गांड का साइज भी बड़ा कर दिया.
उसके बाद मैंने 2 लड़कों को और जन्म दिया जो दोनों ही मेरे ससुर जी की चुदाई से मेरे गर्भ में आये थे.
ससुर जी ने मुझे बीवी की तरह चोद चोद कर दो लड़कों की मां बना दिया.
इस तरह हमारा जीवन खुशी-खुशी बीतने लगा, मुझे लंड की कभी कमी नहीं हुई. मेरी सास इस काण्ड में मेरा ओर अपने पति का खुल कर साथ देती थी.